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उत्तरा न्यूज विशेष जानिये क्या खास है इस बार के निकाय चुनाव में

Newsdesk Uttranews
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उत्तरा न्यूज डेस्क

नगर निकाय चुनावों में इस बार मतदाताओं को नोटा का विकल्प भी मिलेगा। गौरतलब् है कि इससे पूर्व 2013 के निकाय चुनावों के समय नोटा का विकल्प नही जोड़ा गया था। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबत निर्देश जार करते हुए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को नोटा का विकल्प भी मतदान भी जोड़ने को कहा है।आयोग का नोटा का निशान भी जारी किया है। प्रदेश में मतपत्र से होने वाला यह पहला चुनाव होगा जिसमें नोटा का प्राविधान किया जायेगा। इस बार के निकाय चुनावा में 6 नगर निगमों में ईवीएम में नोटा का विकल्प होगा। लेकिन 84 नगर निकायों में बैलेट पेपर से चुनावा होने के कारण बैलेट पेपर मे ही नोटा का विकल्प होगा। यदि कोई मतदाता किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान नहीं करना चाहता है तो वह नोटा का इस्तेमाल कर सकता है। इस सम्बन्ध में आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को मतपत्र में नोटा का विकल्प देने के आदेश दिये है।

क्या है नोटा

नोटा अग्रेंजी शब्द  NOTA   से बना है जिसका शाब्दिक ​अर्थ है नन ऑफ द एबव अर्थात इनमें से कोई नहीं। नोटा का भारत के चुनावो मे सर्वप्रथम उपयोग 2013 के विधानसभा चुनावों में किया गया था।

नोटा का इतिहास

नोटा का सर्वप्रथम उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका के नेवादा शहर मे हुए चुनावो में किया गया था। बाद में यह इतना लो​कप्रिय हुआ कि संयुक्त राज्य अमेरिका ही नही कई देशों ने अपनी मतदान में नोटा विकल्प को भी शामिल किया। भारत में मतदान में नोटा विकल्प को जोड़ने के लिये सिविल सोसायटी में एक लंबी बहस चली और इसके लिये काफी प्रयास भी किये। भारत में उच्चतम न्यायालय में एक मामला चला जिसमें चुनाव आयोग ने नोटा विकल्प को जोड़ने पर सहमति जतायी लेकिन लागू नही किया। वर्ष 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मतदान में नोटा विकल्प को अनिवार्य कर दिया । इसके बाद 2013 में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में नोटा विकल्प को ईवीएम मशीन में जोड़ दिया गया। इन चुनावों में 15 लाख से अधिक लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था। इसके बाद 2014 के लोक सभा चुनावों में भी नोटा विकल्प को काफी संख्या में लोगों ने चुना था। 2015 के बाद से इस पूरे देश् में लागू कर दिया गया।