“जैंता एक दिने तो आलो”…10वीं पुण्य तिथि पर याद किए गए जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’

Janakavi Girda remembered on 10th death anniversary जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’ अल्मोड़ा, 22 अगस्त 2020— जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’ को उनकी पुण्य तिथि…

जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’

Janakavi Girda remembered on 10th death anniversary जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’

अल्मोड़ा, 22 अगस्त 2020— जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’ को उनकी पुण्य तिथि में सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा ने याद किया। उत्तराखंड परिव​र्तन पार्टी सहित विभिन्न जनसंगठनों ने पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया।

इधर वरिष्ठ पत्रकार नवीन बिष्ट के संचालन में एक वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें मोबाइल के माध्यम से आयोजित गोष्ठी में याद किया। उनके सामाजिक कार्यों से प्रेरणा लेने का आहवान किया। वरिष्ठ पत्रकार नवीन बिष्ट के संचालन में हुई वेबनार गोष्ठी का आरंभ गिर्दा के जनगीत तदुक नी लगा उदेख… के साथ हुई। गोष्टी में वक्ताओं कहा कि गिरदा ने जो भी किया या बोया वो सब सामज के लिए किया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। उनके रंगकर्म से समाज प्रेरणा लेता रहेगा।(जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’)

आने वाली नस्ले समाज की बेहतरी के लिए उनके योगदान को दोहराते रहेगी तभी एक बेहतर समाज का निर्माण होगा। पत्रकार पीसी तिवारी ने कहा कि गिरदा हमेशा गरीब की आवाज बने, उन्होंने समाज के दबे-कुचले लोगों के लिए काम किया। वह हमेशा समाज से जुड़े रहे वह बिना किसी लागलपेट के अपनी बात कहते थे। उन्होंने हमेशा शोषक वर्ग के खिलाफ अपनी मुंठी तानी रही। वह संघर्षों के आदमी थे। सड़कों के रास्ते सरकार को जगाने का काम किया। पत्रकार नवीन बिष्ट ने कहा कि गिर्दा ने लोगों को बताया कि हुड़का कैसे समाज की आवाज बनता है। कैसे उससे समाज को जागरूक कर जन आन्दोलनों को खड़ा किया जाता है। गिर्दा एक कवि, कलाकार, पत्रकार, आन्दोलनकारी, सहित तमाम किरदार खुद में समेटे थे। वह जिंदगी जीने वाले आदमी थी। गोष्टी में साहित्यकार डाॅ. कपिलेश भोज, लोक कलाकार लता पाण्डे, नारायण थापा, कृष्ण मोहन सिंह बिष्ट, भाष्करानन्द तिवारी, एडवोकेट जगत रौतेला, नीरज भट्ट, दिग्विजय बिष्ट आदि ने प्रतिभाग किया।(जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’)

जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’

इधर उपपा कार्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कहा गया कि गिरदा सामाजिक राजनीतिक और गैरबराबरी के लिए चलाए जाने वाले आंदोलनों में हमेशा एक धारा के तौर पर याद रखे जाएंगे। पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि गिरदा सत्ता प्रतिष्ठान की मनमानी के खिलाफ संघर्ष में उतरने के प्रतीक रहे हैं।


सभी ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। संगोष्ठी की अध्यक्षता केन्द्रीय सचिव आंनदी वर्मा,विहान के देवेन्द्र भट्ट,प्रकाश उनियाल,रेशमा परवीन,शशि उनियाल सहित अनेक लोग मौजूद थे।
(जन कवि गिरीश तिवारी ‘गिरदा’)

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