जन आंदोलनों के लिए बड़ी क्षति है डॉ. बिष्ट का निधन

पिथौरागढ़ मे पत्रकारो ने शोक सभा कर जताया शोक पिथौरागढ़। जन आंदोलनों के अगुआ, लेखक व पत्रकार डा. शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर सोमवार…

dr shamsher singh bisht

पिथौरागढ़ मे पत्रकारो ने शोक सभा कर जताया शोक

पिथौरागढ़। जन आंदोलनों के अगुआ, लेखक व पत्रकार डा. शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर सोमवार को पत्रकारों ने एक शोकसभा का आयोजन किया। जिला सूचना कार्यालय में आयोजित इस शोकसभा में पत्रकारों ने डा. बिष्ट के निधन को जनपक्षीय पत्रकारिता व जन आंदोलनों के लिए भारी क्षति बताया। वक्ताओं ने कहा कि डा. शमशेर बिष्ट ने छात्र जीवन से जल, जंगल, जमीन के सवाल पर संघर्ष की राह पकड़ ली थी। उन्होंने विश्वविद्यालय बनाओ आंदोलन, नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन व उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाते हुए विभिन्न जनपक्षीय मुद्दों पर हमेशा अपनी आवाज मुखर की। कहा कि उत्तराखंड में आंदोलन की संस्कृति विकसित करने और राज्य आंदोलन को धार देने में डा. बिष्ट के प्रयास मील का पत्थर साबित हुए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डा. बिष्ट ने बड़े ओहदों से हमेशा दूरी बनाए रखी। शोकसभा में पत्रकार विजय वर्धन उप्रेती, कोमल मेहता, यशवंत महर, मयंक जोशी, मनोज चंद, कमलेश पाठक, विपिन गुप्ता, प्रकाश पांडे, नीरज कुमार व जिला सूचना अधिकारी गिरिजा जोशी आदि मौजूद थे।