गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगा जागेश्वर मंदिर समूह, मानसखण्ड पर आधारित है इस बार की झांकी

इस बार के गणतंत्र दिवस पर अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर समूह की झलक भी देखने को मिलेगी। इस बार की झांकी मानसखण्ड पर आधारित है।…

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इस बार के गणतंत्र दिवस पर अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर समूह की झलक भी देखने को मिलेगी। इस बार की झांकी मानसखण्ड पर आधारित है। गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर तैयारियां जोरोें पर है। गणतंत्र दिवस में झांकी मुख्य आकर्षण होती है। देश भर के 17 राज्यों से आए कलाकारों ने रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम राष्ट्रीय रंगशाला में अपने—अपने राज्यों की झलक पेश की।इस साल 17 राज्यों की झांकी सम्मिलित की गई। राष्ट्रीय रंगशाला में उत्तराखण्ड के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इसके साथ ही 16 राज्यों के कलाकारों ने भी अपने-अपने प्रदेश की झांकी के साथ पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी।

गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की ओर “मानसखण्ड” विषय पर झांकी प्रस्तुत की जाएगी।इस बार की झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित है। सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक और नोडल अधिकारी केएस चौहान के नेतृत्व में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए उत्तराखंड राज्य से 18 कलाकार झांकी में भागीदारी करेगे।

कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड राज्य की झांकी मार्च पास्ट करते हुए चौथे स्थान पर दिखेगी। झांकी के आगे और बीच के हिस्सों में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरड़, मोर के साथ ही उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जायेगा। उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ भी इस बार झांकी में देखने को मिलेगी। इस झांकी में उत्तराखण्ड राज्य की लोक संस्कृति की झलक दिखाने के लिए छोलिया नृत्य की टीम भी शामिल की गयी है।

नोडल अधिकारी केएस चौहान ने कहा कि कर्तव्य पथ पर वर्ष उत्तराखण्ड की झांकी मेंं “मानसखण्ड” सबके लिये आकर्षण का केन्द्र रहेगी। साथ ही बताया की केदारनाथ और बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है।

गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मानसखण्ड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन होगा। इस झांकी के मामध्य से देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। चौहान ने कहा कि आध्यात्मिक भूमि उत्तराखण्ड में जीवन दायिनी गंगा, यमुना बहती है वही यहां चार-धाम पवित्र तीर्थस्थल भी है। उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सिद्धेश्वर कानूगा कर रहे है।