Jageshwar Dham: Jageshwar Mahadev will remain in penance in a cave prepared with ghee for the next one month, now he will be able to have darshan only after a month
अल्मोड़ा, 15 जनवरी 2024- विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर के ज्योर्तिलिंग को परंपरा के मुताबिक एक माह के लिए घी से ढक दिया गया है।
मकर संक्रांति पर्व के मौके पर भोग पूजन के दौरान ज्योर्तिलिंग को मंत्रोच्चार के बीच 201 किलो गाय के घी को पानी में उबालकर शुद्ध रूप देते हुए गुफा का रूप देकर ढक दिया गया है।
एक माह बाद संक्रांति के दिन शिवलिंग को भक्तजनों के लिए खोल दिया जाएगा। फिलहाल श्रद्धालु गुफा में तपस्यामय ज्योतिर्लिंग पर ही पूजन व जल अर्पित करेंगे। मान्यता है कि आज से एक माह तक भगवान शिव तपस्या में लीन रहेंगे।
मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ मकर संक्रांति के दिन एक माह के लिए गुफा में तपस्या में लीन हो जाते हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार प्रत्येक माघ मास की संक्रांति के अवसर पर गाय के 201 किलो घी को खौलते पानी में उबालकर शुद्ध किया जाता है। इसके बाद घी से ज्योर्तिलिंग को ढककर गुफा का रूप दिया जाता है।
मंदिर के मुख्य पुजारी कैलाश भट्ट हेमंत ने बताया कि अब एक माह बाद फाल्गुन मास की संक्रांति पर शिवलिंग के दर्शन होंगे। उस दिन गुफा रूपी शिवलिंग को प्रसाद रूप में भक्तों को बांटा जाता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान जागेश्वर पहुंचने वाले श्रद्धालु घी से ढके गुफा रुपी शिवलिंग को जल चढ़ा सकते हैं।
लेकिन ज्योर्तिलिंग के दर्शन नहीं कर सकते। सोमवार को हुई भोग पूजा के दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी कैलाश भट्ट हेमंत व मंदिर के 21 आचार्य पुरोहितो ने विधि विधान से मंत्रोच्चार के बीच पूजा संपन्न की। अनुष्ठान कार्यक्रम में मंदिर समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, प्रबंधक ज्योत्सना पंत, पुजारी प्रतिनिधि पंडित नवीन भट्ट, आचार्य गिरीश भट्ट,पुर्व प्रबंधक भगवान भट्ट, पंडित भगवान भट्ट, पंडित हरीश भट्ट, कैलाश भट्ट, पंडित अरविंद भट्ट , पंडित दयाकिशन भट्ट, रमेश भट्ट, विनोद भट्ट, आचार्य निर्मल भट्ट, कमल भट्ट, आचार्य बृजेश पाठक आदि मौजूद थेे।