मीडिया डायलॉग में बोलते हुए बीबीसी के पूर्व संपादक राजेश जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में सवाल करना पत्रकार का धर्म है।बीबीसी हिंदी सेवा के पूर्व संपादक राजेश जोशी ने नगरपालिका सभागार में आज यानि 7 जनवरी को साभार मीडिया फ़ाउंडेशन के तत्वाधान में मीडिया डायलॉग के पहले चैप्टर में यह बात कही।
मीडिया और लोकतंत्र विषय पर आयोजित डायलोग में राजेश जोशी ने मीडिया और लोकतंत्र के ऐतिहासिक और वर्तमान सम्बन्धों पर विस्तृत चर्चा करते हुए अलग अलग घटनाक्रमों, क़ानूनों और पत्रकारिता के उसूलों और सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सत्ता किसी भी राजनीतिक दल की रही हो उससे, उसकी नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में सवाल करना पत्रकारिता का पहला और ज़रूरी दायित्व है।
अपने पत्रकारिता के सफर में जनसत्ता, आउटलुक और बीबीसी के अपने अनुभवों को साझा करते हुए राजेश जोशी ने बीते तीन दशकों में अलग अलग सरकारों के दौर में मीडिया के सामने खड़ी हुई चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की।
बीबीसी हिंदी सेवा के पूर्व संपादक रहे राजेश जोशी ने कहा कि मीडिया पर लगाम लगाने की कवायद 1878 के वर्नाकुलर ऐक्ट से अंग्रेजों ने की थी। आज़ादी के बाद कांग्रेस सरकारों के दौर में लाए गए डिफ़ेमेशन एक्ट सरीखे मीडिया की उन्होंने स्वतंत्रता को बाधित करने वाले क़ानून बताते हुए आज के दौर में पत्रकारिता के सामने खड़ी चुनौतियों का ज़िक्र किया।
उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार के मीडिया को लेकर रवैये की आलोचना करते हुए प्रस्तावित ब्रॉड्कास्टिंग बिल के बाद सोशल मीडिया के ज़रिए पत्रकारिता कर रहे नए पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में आशंका ज़ाहिर की।
कार्यक्रम में साभार मीडिया फ़ाउंडेशन के रोहित जोशी ने फ़ाउंडेशन के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में न्यूज़ मीडिया की भूमिका वॉचडॉग की है। लेकिन मौजूदा दौर में न्यूज़ मीडिया को भी एक वॉच डॉग की ज़रूरत है साभार मीडिया फ़ाउंडेशन का गठन इसी भूमिका को निभाने के लिए किया गया है।उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा शहर में मीडिया को लेकर इस तरह के आयोजन समय समय पर किए जाएंगे जिसमें मीडिया से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों से अल्मोड़ा की सिविल सोसाइटी के साथ इंटरेक्शन कराया जाएगा।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रश्नों का दौर चला जिसमें लोगों ने राजेश जोशी से मीडिया से जुड़े सैद्धांतिक और व्यावहारिक सवाल पूछे।सवाल जवाब और टिप्पणियों के इस सत्र में न्यूज़ मीडिया के स्वरुप, प्रतिबद्धताओं और दायित्वों पर गहरी चर्चा हुई।
कार्यक्रम में पूरन चंद्र तेवाड़ी, हयात सिंह रावत, पीसी तिवारी, भावना पाण्डे, रीना साही, किरन आर्या, कमल जोशी, विनय किरौला, ईश्वर जोशी, नीरज भट्ट,डीके काण्डपाल, शिवेंद्र गोस्वामी, मयंक पन्त आदि शामिल मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन नीरज पांगती और रश्मि सेलवाल ने किया।