जनप्रतिनिधियों की शिक्षा के सवाल पर 15 साल से आवाज उठा रहे थे अल्मोड़ा के ईश्वर आज पूरी हुई मांग

अल्मोड़ा। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षिक स्तर की अनिवार्यता की शर्त राज्य बनने के 18साल बाद पूरी हुई है। भले ही इस सरकार ने पंचायत…

अल्मोड़ा। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षिक स्तर की अनिवार्यता की शर्त राज्य बनने के 18साल बाद पूरी हुई है। भले ही इस सरकार ने पंचायत चुनावों के ऐन वक्त इस कानून को अमली जामा पहनाया हो लेकिन इसकी मांग लोगों द्वारा समय समय पर उठाई जाती रही है। जिस जनप्रतिनिधि पर ग्राम सरकार के विकास का दारोमदार हो यदि वह शिक्षित नहीं है तो फिर विकास की अवधारणा एक प्रकार से खंडित होती है। वक्त बदल रहा है तकनीकें बदल रही हैं ऐसे में पंचायत क्या सभी जनप्रतिनिधियों को लेकर एक निश्चित शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए। राजनीतिक सुधार की यह कोशिश अल्मोड़ा जिले से भी हुई है। भिकियासैंण क्षेत्र के हरनोली निवासी ईश्वर सिंह बिष्ट पिछले 15 सालों से जनप्रतिनिधियों की शिक्षा के सवाल को उठा रहे हैं। कई पत्र उन्होंने लिखे। उनके पत्रों को कई पत्रपत्रिकाओं ने स्थान दिया। उनका मानना रहा है कि एक शिक्षित जनप्रतिनिधि जनसरोकारी सोच में निरक्षक जनप्र​तिनिधि से अच्छा साबित हो सकता है। कानून और योजनाओं की बारीकियों को समझ कर जनता को समझा सकता है। क्षेत्र के जिलापंचायत सदस्य प्रकाश जोशी ने कहा कि ईश्वर सिंह बिष्ट ने यह मांग 15 वर्ष पूर्व अपनी लेखनी से आवाज उठाई थी कि हमारे जनप्रतिनिधि शिक्षित होने चाहिए । उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड सरकार ने पंचायत में यह व्यवस्था लागू कर दी है। इ​सलिए उनका मांग आज साकार हुई है।