अब वन निगम में बैकडोर से हुईं नियुक्तियों की जांच की मांग उठी

देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों विभिन्न विभागों की भर्तियों में हुई अनियमितताओं की चर्चा है वहीं दिन प्रतिदिन नये मामले भी सामने आ रहे हैं।…

Uttarakhand- The letters of purchase of Dharamshalas disappeared from the City Magistrate's office

देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों विभिन्न विभागों की भर्तियों में हुई अनियमितताओं की चर्चा है वहीं दिन प्रतिदिन नये मामले भी सामने आ रहे हैं। अब उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार पर वन निगम गढ़वाल क्षेत्र में बैक डोर से भर्तियां करने का आरोप लगाया गया है और तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है।

मामले पर कोटद्वार में यूकेडी नेताओं ने कहा कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश शासन के दौरान वन निगम गढ़वाल क्षेत्र के अंतर्गत वन निगम के अधिकारियों ने 1995 में द्वेषपूर्ण कार्रवाई करते हुए 582 दैनिक स्केलरों व चौकीदारों की कार्य की कमी दिखाते हुए छंटनी कर दी थी। तब छंटनी से आहत कर्मचारियों ने अपनी सेवा बहाली के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन किए जिसके बाद छंटनीशुदा कर्मचारियों को जरुरत पड़ने पर पहले कार्य पर रखे जाने का आदेश जारी हुआ था।

यूकेडी के अनुसार इस मामले में उत्तराखंड विधानसभा की ओर से गठित समिति के सभापति राम सिंह सैनी ने छंटनी शुदा कर्मियों को समायोजित करने की संस्तुति की थी लेकिन वन निगम के अधिकारियों ने छंटनीशुदा कर्मचारियों को कार्य पर लगाने के बजाय बैकडोर से नियुक्तियां कर दी। इससे छंटनीशुदा कर्मी खुद को ठगा महसूस कर रहे है।

ज्ञापन में इन नियुक्तियों की जांच करने की मांग की गई है। ज्ञापन भेजने वालों में यूकेडी के पूर्व केंद्रीय महामंत्री महेंद्र सिंह रावत, गुलाब सिंह रावत, हरीश द्विवेदी, हयात सिंह गुसाईं, अनूप भट्ट, वीरेंद्र थलेड़ी आदि थे।