अल्मोडा में अंतराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजन, सैकड़ों लोगों ने किया योग

अल्मोडा। बुधवार को अल्मोड़ा में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास करवाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने भिन्न-भिन्न स्थानों पर योगाभ्यास किया।…

IMG 20230622 WA0001 e1687420157334

अल्मोडा। बुधवार को अल्मोड़ा में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास करवाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने भिन्न-भिन्न स्थानों पर योगाभ्यास किया। वहीं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के सिमकनी मैदान में विशाल अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि रूप में प्रो.जगत सिंह बिष्ट (कुलपति,सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा), प्रो.प्रवीण सिंह बिष्ट (निदेशक,सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा), प्रो. इला साह (अधिष्ठाता छात्र कल्याण), विशिष्ट अतिथि प्रो.मधुलता नयाल (निदेशक,शोध एवं प्रसार निदेशालय), डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट (विकास एवं नियोजन अधिकारी), कार्यक्रम संयोजक लल्लन कुमार सिंह, ललित लटवाल (अध्यक्ष, जिला सहकारी बैंक), विनीत बिष्ट (निदेशक,जिला सहकारी बैंक), कर्नल अनिल बोस (NCC 77 UK BN), सूबेदार मेजर शिव सिंह, उप महानिरीक्षक अनिल सनवाल (सशस्त्र सीमा बल),नवीन बिष्ट (पूर्व प्रधान सरसों) आदि ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस का दीप प्रज्ज्वलन के साथ उद्घाटन किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए रजनीश जोशी ने अंतराष्ट्रीय योग शिविरों की पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर लगभग ढाई हजार लोग उपस्थित रहे और उन्हें योगाभ्यास कराया गया। अल्मोड़ा में एक माह में 15 हजार से अधिक शिविरों का संचालन किया गया। जिसमें लाखों लोग जुड़े। उन्होंने कार्यक्रम का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ लल्लन सिंह ने बताया कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस में योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, शिक्षकों, कर्मियों और विद्यार्थियों के साथ विभिन्न विद्यालयों के सहयोगियों का सहयोग मिला। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रूप में कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट ने योग विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने योग के संबंध में कहा योग का शाब्दिक अर्थ है-जोड़ना। योग चित्त प्रवृतियों का निरोध करता है। यह आपस में जोड़ता है। हमें मानव बनाता है। उन्होंने यम, नियम, ध्यान, आसन, धारणा, प्रत्याहार, प्राणायाम आदि को स्पष्ट किया। इस दौरान अनेक लोग मौजूद रहे।