उत्तराखंड— रेड जोन(Red zone) ही नहीं ​बल्कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को किया जाए संस्थागत क्वारंटीन (Institutional quarantine)— उक्रांद, परिवहन व्यवस्था मे सुधार की मांग

institutional-quarantine-should-be-done-to-everyone-coming-from-outside अल्मोड़ा, 29 मई 2020बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आ रहे प्रत्येक व्यक्ति को जिला मुख्यालयों में संस्थागत क्वारंटीन (Institutional quarantine) करने की व्य​वस्था की जाए.…

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अल्मोड़ा, 29 मई 2020
बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आ रहे प्रत्येक व्यक्ति को जिला मुख्यालयों में संस्थागत क्वारंटीन (Institutional quarantine) करने की व्य​वस्था की जाए. कोरोना(Corona) टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें घरों की भेजने की कार्यवाही की जाए. जिससे कोरोना संक्रमण न फैले.

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति मे उत्तराखण्ड क्रांति दल (UKD) के केन्द्रीय उपाध्यक्ष ब्रहमानंद डालाकोटी व जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला ने सरकार से क्वारन्टीन व्यवस्था, प्रवासी लोगों को रोजगार, परिवहन व्यवस्था मे सुधार की मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा केवल रेड जोन (Red zone) से आ रहे लोगो को सीमावर्ती जिलों या जनपद मुख्यालयों मे 7 दिन क्वारन्टीन रखने की व्यवस्था की है जो काफी नही है. सरकार को बाहर से आ रहे हर व्यक्ति को एक सप्ताह के लिए जनपद मुख्यालय में संस्थागत क्वारन्टीन (Institutional quarantine) रखने का उचित आदेश देना चाहिए. ऐसा करने से पहाड़ के गांवों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भय की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी.

इसके अलावा जिन लोगों ने अन्य कारणों से अपने जन धन खाते बन्द कर दिए थे या फिर सामान्य खातों मे परिवर्तित कर दिये थे उन्हें केंद्र सरकार द्वारा दी गयी 500 रुपये की धनराशि नहीं मिल पाई है इसी प्रकार बैंक खातो मे असंचालन व अन्य कमियो के चलते किसान सम्मान धनराशि भी नही मिल पायी है उसे भी अविलम्ब किसी भांति सभी पात्र लोगों को दिये जाने की आवश्यकता हैं.

वही, सरकार के 7 से 7 बजे तक बाजार खोलने के आदेश पर उक्रांद नेताओं ने कहा कि जब तक निर्धन लोगों के हाथ में नगद धनराशि नहीं होगी तब तक न तो बाजारों मे रौनक लौटेगी और न ही दुकानों मे कोई बिक्री होगी.

परिवहन व्यवस्था मे हो सुधार

उक्राद नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्षमता से आधी सवारियों को लाने ले जाने की जो परिवहन सुविधा दी गयी है उससे जनता का बहुत आर्थिक शोषण हो रहा है. लोग जो आर्थिक रूप से पहले ही परेशान हैं उन्हें दोगुना तीगुना किराया देकर आना—जाना पड़ रहा हैं. महंगी परिवहन व्यवस्था के कारण लोग आवागमन भी कम कर रहे है जिससे अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. उक्राद नेताओ ने मांग की है कि जनता की सुविधा हेतु राज्य परिवहन निगम की बसो का संचालन शीघ्र आम लोगों के लिए शुरू किया जाएं. सरकार के पास यदि बसों की सुविधा नहीं है तो निजी बसों का अधिग्रहण कर चलाया जाय अथवा निजी बस मालिकों को आवश्यक परिवहन अनुदान देकर बसो को चलाना सुनिश्चित किया जाय.

बंजर खेतों को कृषि योग्य बनाने के लिए मनरेगा योजना से हो कार्य

उक्रांद नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि प्रवासी लोगों को सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराएगी तथा प्रवासी लोगों का पुनः पलायन नहीं होने देगी. जबकि प्रवासी लोगों को तुरन्त रोजगार देने के लिए पर्वतीय क्षेत्र मे न तो कोई कल—कारखाने है और न ही इतनी जल्दी कोई उद्योग खड़े किये जा सकते है.

कहा कि जो प्रवासी गांव में रहकर खेती बाड़ी, दुग्ध उत्पादन या कृषि से जुड़े अन्य काम करना चाहते है. उनके सामने एक समस्या यह भी है कि उनके घर गांव व खेत जंगलो मे तब्दील हो चुके हैं, घरो को रहने योग्य खेतो को कृषि योग्य बनाने के लिए भी उन्हें धन की आवश्यकता हैं जो उनके पास नही हैं.

सरकार को चाहिए कि ऐसे प्रवासियों जिनके घर रहने योग्य नहीं रहे, खेत खेती करने योग्य नही रहे तथा गांव जंगली झाड़ियों में तब्दील हो चुके है उन्हें उन गॉवों में उक्त कार्यो को कराने के लिए मनरेगा योजना के अन्तर्गत सम्मिलित कर शीघ्र कार्य प्रारम्भ कराया जाए. जिससे प्रवासी एवं अन्य ग्रामीणों को जीवन यापन हेतु नगद धन भी प्राप्त हो सकेगा तथा धीरे—धीरे उनकी भूमि कृषि योग्य हो जायेगी.

उक्रांद (UKD) नेताओं ने कहा कि सरकार शीघ्र उक्त बिन्दुओं पर कार्यवाही नहीं करती हैं तो वे आंदोलनात्मक कार्यवाही को भी बाध्य हो जाएंगे.