उत्तर पुस्तिका में प्रश्नों के उत्तर के बजाय लिख रहें शेरों शायरी, उसके बाद भी लगा रहें मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप

हल्द्वानी का एमबीपीजी कॉलेज इन दिनों चर्चाओं में हैं। एक तरफ तो छात्र प्राध्यापको पर गलत मूल्यांकन करने का आरोप लगा रहे हैं। तो वहीं…

Instead of answering the questions in the answer sheet, they are writing Shayari and even after that they are accusing of irregularities in evaluation

हल्द्वानी का एमबीपीजी कॉलेज इन दिनों चर्चाओं में हैं। एक तरफ तो छात्र प्राध्यापको पर गलत मूल्यांकन करने का आरोप लगा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे भी कई छात्र हैं जिन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं में दर्द भरी शेरो शायरी लिखी है।

प्राध्यापकों का कहना है कि अगर उत्तर पुस्तिकाओं में प्रश्न का उत्तर नहीं लिखेंगे और शेरों शायरी लिखेंगे तो उन्हें किस आधार पर नंबर दिए जाएंगे और क्या पास किया जाएगा।

पिछले दिनों गलत मूल्यांकन की शिकायत आने के बाद जब एमबीपीजी कॉलेज में उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच की गई तो पता चला कि कई छात्र- छात्राएं ऐसे हैं जिन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं में शेरो शायरी लिखी थी। जिसके बावजूद भी छात्र गलत मूल्यांकन की बात कर रहे हैं।

कॉलेज में प्राचार्य कक्ष में हंगामे के बाद जैसे ही माहौल शांत हुआ तो एक प्राध्यापक उत्तर पुस्तिका की फोटो प्राचार्य को बताने लगे कई छात्र-छात्राओं ने उत्तर पुस्तिका में शेर और शायरी लिखी हैं। इस दौरान उन्होंने प्राचार्य को एक छात्र की ओर से लिखी हुई शायरी सुनाते कहा कि हमें भी दर्द में हमें भी मुस्कराने की आदत है, मासूम है ये दिल फिर भी मचलता रहता है सहित कई अन्य शेर लिखे गए थे।

या शायरी सुनकर कई प्राध्यापक बोले, जितनी शुद्ध हिंदी में शेर शायरी लिखी हैं अगर ऐसे ही अन्य विषयों पर शुद्ध हिंदी लिखी होती तो उन्हें अच्छे नंबर मिल जाते।

डॉ. एनएस बनकोटी, प्राचार्य एमबीपीजी कॉलेज ने कहा कि कई छात्र-छात्राओं ने उत्तर पुस्तिका में शेर और शायरी लिखी हैं। ऐसे छात्रों को प्राध्यापक कैसे नंबर देंगे। प्राध्यापक इस तरह की शिकायत लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं।