लखनऊ। भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी ने पीएम की सर्वदलीय बैठक को महज एक जुमला करार दिया है। पार्टी महासचिव डीएस रावल ने यहा आयोजित एक बैठक में कहा कि बिना पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार के सुशासन की कल्पना कोरी साबित होगा।
पार्टी महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में किसी भी पार्टी की ओर से चुनाव सुधारों का विषय नही उठाया गया है । जो नितान्त अति आवश्यक है इसने हमारी चुनाव प्रणाली को इतना खर्चीला बना दिया है कि ईमानदारी के साथ चुनाव जीतना असम्भव हो गया है ।
श्री रावल ने कहा कि भारत निर्वाचन आयीग एमपी के खर्चे की सीमा 70 लाख नियत करता है। वर्तमान 2019 के लोकसभा मे प्रति एमपी 129 करोड के लगभग खर्चा किया गया है । किसी भी पार्टी ने चन्दे का सोर्स बताया ही नहीं है। पारदर्शिता को केवल शब्दों में समाहित किया है और बिना चुनाव प्रक्रिया में सुधार और प्रशासनिक सुधार के यह संभव नहीं है। कहना है कि सूचना के अधिकार को प्रभावी बनाये बिना सुशासन की कल्पना करना ही व्यर्थ है। इसके चलते मिनीमम गर्वमेंट मैक्सिमम गर्वनेंस नारा एक जुमला मात्र है।