हिमालयी शोधों के मंथन का केंद्र बना भारतीय वन्यजीव शोध संस्थान,चुनौतियों पर संचालित शोधों को और गंभीर बनाने पर जोर

Indian Wildlife Research Institute becomes the center of brainstorming of Himayali researches, emphasis on making research conducted on challenges more serious

Indian Wildlife Research Institute dehradun 1
Indian Wildlife Research Institute dehradun

देहरादून— प्राकृतिक संसाधन को उपहार समेंझने के स्थान पर हमेे उनका मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। आज से तीन दषक पूर्व शोध कार्य इतना सुगम नहीं था जितना आज हैं। हमे रिसर्च में सर्च को नहीं भूलना चाहिए। जो शोध कार्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
यह बात जाने माने समाज वैज्ञानिक सेंटर फाॅर मल्टी डिस्पलेनरी डेव्लेपमेंट रिसर्च कर्नाटका के प्रो0 गोपाल के काडिकोडी ने यहां बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन सत्र में बड़ी संख्या में शोधार्थियों को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में कही। उन्होंने मौलिक शोध करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया। इससे पूर्व गोविंद बल्लभ राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान कोसी कटारमल के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिषन के नोडल अधिकारी ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया और इस संगोष्ठी के उद्देष्यों पर प्रकाष डाला। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिषन की फैलोषिप पाने वाले 175 शोधार्थी देष के विभिन्न हिमालयी राज्यों के 30 से अधिक संस्थानों से सम्बद्ध है। हर साल दो बार इन्हें विषयवार एकमंच पर लाकर उनके कार्यो की समीक्षा की जाती है। मानवमुखी और समाजोन्मुख षोध को बढ़ावा देना हमारा मुख्य उद्देष्य है।
राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिषन का चतुर्थ हिमालयी शोधार्थी संगोष्ठी इस बार उत्तराखण्ड में आयोजित की गई। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान कोसी, अल्मोड़ा द्वारा राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिषन के तहत इस चतुर्थ हिमालयी शोध संघ का आयोजन किया गया। भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून में दो दिवसीय संघ में विभिन्न हिमालयी विषयों पर संघन मंथन शुरू हो गया है। संगोष्ठी में इस बार चार प्रमुख विषयों आजीविका विकल्प एवं दक्षता विकास, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं आधारभूत ढांचागत विकास पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मिषन की ओर से विष्वविद्यालयों व संस्थानों के माध्यम से हिमालयन फैलोषिप, हिमालयन जूनियर फैलोशिप, प्रोजेक्ट फैलो और हिमालय रिसर्च एसोसिएट हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है और विभिन्न क्षेत्रों में शोधार्थी इसके सहयोग से हिमालयी विषयों पर सघन शोध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के द्वारा हिमालयी राज्यों के बीच शोध और अनुसंधान तथा चिंताग्रस्त क्षेत्रों की चुनौतियों का भी आदान प्रदान होता है।
इस अवसर पर अतिथि एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के निदेषक डाॅ जी एस रावत ने संस्थान को समान विचार वाला सहयोगी संस्थान बताया और कहा कि क्षेत्र में जाकर कार्य करने , मजबूत सैद्धांतिक पकड़ और संख्यात्मक दृष्टिकोण तथा अच्छे संचार कला से लैस छात्र ही गुणात्मक शोध कर सकते हैं।
वन पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व सलाहकार एवं मिषन से जुड़े श्री ललित कपूर ने कहा कि भारतीय राज्यों के लिए वरदान साबित हो रहा है , जल संसाधन, जैव विविधता संरक्षण, आजीविका विकल्प , हानिकारक पदार्थो का प्रबंधन जैसे क्षेत्र में यहां 136 से अधिक परियोजनाएं संचालित की जा रही है। यहां से संचालित परियोजनाओं के अनेक दूरगामी परिणाम भी देखे जा रहे हैं। उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न राज्यों से यहां आए 50 शोधार्थियों का यहां दो सभागारों में विषय विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन शुरू किया गया।
आईएसएसडब्लूसी से डाॅ. यू के मोर्या, आईआईटी रूडकी से प्रो0 एम0 एल. कंस्वाल, देहरादून से डाॅ अनीता पाण्डे, डाॅ0 सी रमेष, वैज्ञानिक भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून, वाडिया संस्थान से डाॅ0 एस के भरथरिया, जेएनयू से डाॅ0 ए पी डिमरी, आइआइटी रूडकी से प्रो0 पंकज अग्रवाल, पूर्व वैज्ञानिक डाॅ0 डी एस रावत, भारतीय वन्य जीव संस्थान के रजिस्ट्रार डाॅ0 पी0 पी0 उनियाल, डा0 ललित गिरी, डाॅ0 रवीन्द्र वर्मा0 , गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान अल्मोडा से डाॅ वसुधा अग्निहोत्री , एच0ए0आर0सी0 देहरादून के महेंद्र सिंह कुंवर, भारतीय वन्य जीव संस्थान से डाॅ0 नेहरू प्रबाकरण, सहित अनेक वैज्ञानिकों और विषय विषेषज्ञों ने इस संगोष्ठी में प्रतिभाग कर शोध कार्याे का मूल्यांकन किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ ललित गिरी द्वारा किया गया। पुनीत सिराड़ी, पुष्कर सिंह, जगदीष पाण्डे, दीपा वर्मा , दिनेष राणा, निधि आदि मिषन से जुड़े सहियोगियों ने कार्यक्रम में सहयोग किया। देर सायं तक शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुतिकरण व पोस्टर प्रजेेंटेषन सत्रों में प्रतिभाग किया।