उत्तराखंड में धामी सरकार अभी से चार धाम यात्रा 2025 प्राधिकरण के गठन की कर रही तैयारी, जानिए क्यों और क्या है यह सारी प्लानिंग

चार धाम यात्रा 2024 खत्म हो चुकी है। इसके बाद धामी सरकार ने 2025 की चार धाम यात्रा को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर…

In Uttarakhand, the Dhami government is already preparing to form the Char Dham Yatra 2025 Authority, know why and what is all this planning

चार धाम यात्रा 2024 खत्म हो चुकी है। इसके बाद धामी सरकार ने 2025 की चार धाम यात्रा को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी है। सरकार अब चार धाम यात्रा के लिए एक प्राधिकरण गठित कर रहा है जिसमें चारों धामों की व्यवस्थाओं से लेकर पंजीकरण सिस्टम को नए सिरे से डेवलप किया जाएगा। 17 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं जिसके बाद इस सीजन की चार धाम यात्रा सब संपन्न हुई है।

इसके बाद प्रदेश सरकार अब आने वाली चार धाम यात्रा की तैयारी में जुट गई है। चार धाम यात्रा को प्रदेश की आर्थिक का आधार माना जाता है इसलिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को प्राधिकरण के गठन करने और आगामी यात्रा की तैयारी अभी से शुरू करने को कहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है की यात्रा को बढ़ावा देने के लिए इसे व्यवस्थित करने के लिए प्राधिकरण का गठन करना जरूरी है। इसके लिए सभी की राय भी ली जाएगी। इसके साथ ही बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट को और अधिक बेहतर बनाया जाएगा और यात्रा से संबंधित सभी जानकारी वेबसाइट पर अपडेट की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आगामी चार धाम यात्रा की तैयारी समय पर पूरा करने के लिए अभी से बैठक बुलाते हुए, आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा काल में क्षतिग्रस्त मुख्य मार्गों के साथ ही आंतरिक मार्गों को भी प्राथमिकता पर ठीक किया जाए, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।

उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ विश्व के चार प्रसिद्ध धाम है। चारों धाम की यात्रा के लिए 6 महीने देश से ही नहीं विदेश से भी लाखों लोग यहां आते हैं जिसके रजिस्ट्रेशन और रहने खाने की व्यवस्थाएं राज्य सरकार को ही देखनी पड़ती है।

सरकारी गेस्ट हाउस, गढ़वाल मंडल विकास निगम के अलावा चारों धाम के रुट पर निजी होटल और रेस्टोरेंट के साथ ढाबे भी हैं। जिन पर सरकार की मॉनिटरिंग और नियम कानून भी फॉलो होते हैं।

सरकारी व्यवस्थाओं की बात की जाए तो बद्रीनाथ ,केदारनाथ मंदिर की व्यवस्थाएं बद्रीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति ही देखती है जिसमें सरकारी सिस्टम फॉलो किया जाता है जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री में मंदिर समितियां जिला प्रशासन की देखरेख में काम करता है।

इसके लिए भी नया सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसके अलावा यात्रा के रजिस्ट्रेशन सिस्टम को भी और अधिक बेहतर बनाने की बात की जा रही है जिसके लिए सरकार अभी से तैयारी में जुट गई है।

बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहित आचार्य नरेश चंद्र नौटियाल ने कहा कि सरकार को चार धाम से संबंधित किसी भी प्राधिकरण के गठन से पहले तीर्थ पुरोहितों की राय जरूर लेनी चाहिए। अगर सरकार ने चार धाम गठित प्राधिकरण को देवस्थानम बोर्ड की तरह थोपने की कोशिश की तो सारे धामों में इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।