पिथौरागढ़। बीते शनिवार की शाम हुई भारी ओलावृष्टि से जनपद मुख्यालय और आसपास के लगे इलाकों में बागवानी काश्तकारों की कमर टूट गई है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता ने काश्तकारों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि शनिवार शाम करीब पांच बजे मौसम ने तेजी से करवट बदली और तेज हवाओं के साथ बारिश और करीब आधे घंटे तक क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि होती रही, जिसके कारण मिर्च, बैंगन, टमाटर, गोभी, बीन्स की पौध, ककड़ी, कद्दू, तोरई, आम, लीची, पुलम, खुमानी,आड़ू आदि के फलों को भारी नुकसान पहुंचा। इग्यारदेवी, बेतखोली, फगाली, तोली, सिरपोली, कांटे, शाहीखोला, घिंगरानी, भैंलौंत, पांगर, स्यूनी, घारी, धमौड, लंपाटा, थरकोट, बालाकोट, सेरीकण्डा आदि इलाकों के काश्तकारों को इस ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है।
बेतखोली के काश्तकार प्रह्लाद सिंह का कहना है कि उनके पूरे परिवार की आजीविका इसी बागवानी पर टिकी रहती है। मौसम की इस बेरुखी से उनको भारी नुकसान हुआ है। पांगर गांव के रहने वाले काश्तकार दीपक सिंह का कहना है कि ओलावृष्टि से उनको करीब 28-30 हजार का नुकसान हुआ है। खेतों में तैयार हो रही पौध ओलावृष्टि से पूरी तरह नष्ट हो गई है। अब पूरी पौध को दोबारा लगाना होगा जिसमे एक महीने का और समय लगेगा जिसकी वजह से बाजार में भाव भी नहीं मिल पाएगा।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता का कहना है ओलावृष्टि से उनके क्षेत्र के काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे उनकी आजीविका की आस टूटी है। उन्होंने जिलाधिकारी से मिलकर प्रभावित काश्तकारों को उचित मुवावजा देने की मांग करने की बात कही है, ताकि काश्तकारों के कष्टों पर कुछ मरहम लग सके।