एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की जिला क्रियान्वयन एवं समन्वयन समिति की बैठक सम्पन्न

स्थानीय उत्पादों को उचित बाजार दिलाना प्राथमिकता हो :  बोले जिलाधिकारी अल्मोड़ा। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की जिला क्रियान्वयन एवं समन्वयन समिति त्रिमासिक बैठक में…

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स्थानीय उत्पादों को उचित बाजार दिलाना प्राथमिकता हो :  बोले जिलाधिकारी

अल्मोड़ा। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की जिला क्रियान्वयन एवं समन्वयन समिति त्रिमासिक बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्थानीय उत्पादों के लिये उचित बाजार दिलाने को प्राथमिकता देने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि उपयोग में नहीं लाये जा रहे सरकारी भवनों को परियोजना गतिविधियों हेतु उपलब्ध करवाया जा सकता है।

जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारियों से उत्पादन से पूर्व ही बाजार तलाशने पर जोर देते हुए कहा कि उचित बाजार प्राप्ति पर ही उत्पादन को सार्थक कहा जा सकता है। उन्होने आजीविका संघों के उत्पादों की पैकेजिंग में सुधार एवं आकर्षक बनाने की भी आवश्यकता जतायी। जिलाधिकारी ने परियोजना की गतिविधियों की सूचना रेखीय विभागों को भी उपलब्ध करवाने को कहा। जिलाधिकारी ने कमजोर प्रदर्शन करने वाले विकास खण्डों में और अधिक मेहनत से कार्य करने के लिये उन्हे प्रेरित करने की बात कही। कहा कि तकनीकी संस्थांओं को भी और अधिक मेहनत से कार्य करते हुए, बड़े बाजार की तलाश कर आजीविका संघों के उत्पाद समूहों को आधिक से अधिक लाभान्वित कराना चाहिये।

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बैठक में आजीविका परियोजना के प्रभागीय परियोजना प्रबन्धक कैलाश चन्द्र भट्ट ने परियोजना गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि परियोजना जनपद के 10 विकास खण्डों में कुल 4 तकनीकी संस्थाओं के माध्यम से परियोजना गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। श्री भट्ट ने बताया कि तकनीकी संस्थाओं के माध्यम से कुल 40 आजीविका संघ गठित किये गये है। आजीविका संघो के माध्यम से विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि गतिविधियों को सम्पादित किया जा रहा है।

श्री भट्ट ने बताया कि जंगली जानवरों से फसल सुरक्षा हेतु आजीविका संघों के माध्यम से समूह सदस्यों को लगभग 46 वर्ग किमी. की घेरबाड़ की गयी और कुल 1.5 लाख रू का किराया सहकारिता में जमा करवाया जा चुका है। परियोजना द्वारा गठित कुल 40 आजीविका संघों में से प्रत्येक आजीविका संघ द्वारा स्वयं का उद्यम संचालित किया जा रहा है। भिक्यासैण, हवालबाग, चौखुटिया एवं स्याल्दे विकास खण्ड में साप्ताहिक हाट के माध्यम से स्थानीय उत्पादो के लिये बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। आपणु बाजार चौखुटिया में स्थापित मां अगनेरी स्वायत्त सहकारिता द्वारा धान कुटाई एवं आटा पिसाई इकाई ने विगत् 2 माह में 1.5 लाख रू. का व्यवसाय किया है। स्याल्दे मे नई जागृति संघ के माध्यम से कल्याणपुर में तेल पिराई इकाई की स्थापना की गयी है। अल्मोड़ा में ऑफिसर्स कॉलोनी के समीप सरस बाजार में हिलांस किसान आउटलेट की स्थापना की गयी है। शीतला आजीविका संघ द्वारा शीतलाखेत में 1000 सेब के पौधों का रोपण किया गया है।

श्री भट्ट ने बताया कि परियोजना द्वारा परती भूमि विकास के तहत सेब, आम, अखरोट आदि फलदार प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है। चारा विकास योजना के अन्तर्गत समस्त विकास खण्डों में चारा घास नेपियर का रोपण किया गया है। परियोजना द्वारा काश्तकारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से एलडीपीई टैंकों का निर्माण भी कराया जा रहा है। वर्तमान तक कुल 1200 परिवारों को इसकी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।उन्नत पशु पालन के लिये 23 एकीकृत पशु विकास केन्द्रों को आरम्भ किया गया है। वर्तमान तक कुल 8664 कृत्रिम गर्भाधान एवं 581 बधियाकरण किये गये हैं।

बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी सुश्री प्रियंका सिंह, जिला उद्यान अधिकारी हीतपाल सिंह, मुख्य पशुपालन अधिकारी डा. आर. चन्द्रा, प्रसार प्रशिक्षण केन्द्र

हवालबाग के प्राचार्य एम.सी. पाठक, सहायक निबंधक सहकारिता एम.एल.टम्टा, रेखीय विभागों के अधिकारी, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के प्रबन्धक सुरेन्द्र सिंह, ग्रास संस्था के निदेशक गोपाल सिंह चौहान, तकनीकी संस्था आईएफएफडीसी, राड्स, सुविधा की तकनीकी संस्था समन्वयक, आजीविका संघों की प्रतिनिधि, सहित 55 प्रतिभागी मौजूद रहे।