अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों की पीड़ा: पनामा में फंसे सैकड़ों लोग

अमेरिकी प्रशासन द्वारा निर्वासित किए गए विभिन्न देशों के लगभग 300 प्रवासी पनामा में फंसे हुए हैं। ये प्रवासी ईरान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान…

Illegal Immigration Crisis Hundreds of Deported Migrants Stranded in Panama

अमेरिकी प्रशासन द्वारा निर्वासित किए गए विभिन्न देशों के लगभग 300 प्रवासी पनामा में फंसे हुए हैं। ये प्रवासी ईरान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन जैसे देशों से हैं। अमेरिका सीधे इन देशों में निर्वासन करने में कठिनाई का सामना कर रहा है, इसलिए पनामा को एक अस्थायी पड़ाव के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

✈️ पनामा में निर्वासित प्रवासियों की स्थिति ✈️

पनामा सरकार ने अमेरिका के साथ समझौते के तहत इन निर्वासित प्रवासियों को अस्थायी आश्रय, भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, 40% प्रवासी अपने देश लौटने के लिए तैयार नहीं हैं। कई प्रवासियों ने अपने होटल की खिड़कियों पर “मदद करें” और “हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं” जैसे संदेश लिख रखे हैं, जिससे उनकी असहाय स्थिति उजागर होती है।

🌍 ‘डंकी रूट’ से अमेरिका तक का खतरनाक सफर 🌍

अवैध प्रवास के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले “डंकी रूट” के जरिए अमेरिका पहुंचने की कोशिश करने वाले कई भारतीय अब अपने देश लौटने को मजबूर हो गए हैं। हाल ही में अमृतसर एयरपोर्ट पर 116 भारतीय निर्वासित होकर पहुंचे, जिनमें से अधिकांश ने पंजाब से लाखों रुपये खर्च कर अमेरिका जाने का सपना देखा था, जो एक भयावह हकीकत में बदल गया।

🎖 मंदीप सिंह: एक पूर्व सैनिक की संघर्षभरी कहानी 🎖

अमृतसर के पूर्व सैनिक मंदीप सिंह ने अमेरिका में कानूनी तौर पर प्रवेश पाने के लिए एक एजेंट को 40 लाख रुपये दिए थे, लेकिन एजेंट ने उन्हें खतरनाक ‘डंकी रूट’ पर धकेल दिया। उनकी यात्रा अमृतसर से दिल्ली, मुंबई, नैरोबी, एम्स्टर्डम, सूरीनाम, गयाना, बोलीविया और इक्वाडोर होते हुए पनामा पहुंची।

🌲 जंगलों में मौत का खौफ और एजेंटों की क्रूरता 🌲

पनामा के घने जंगलों से गुजरते समय मंदीप और उनके साथियों को 13 दिनों तक भूखे-प्यासे रहना पड़ा। मगरमच्छों, सांपों और अन्य खतरनाक जीवों के बीच उन्हें अपनी जान बचानी पड़ी। कई बार तो अधपकी रोटियां और सिर्फ पानी के सहारे रहना पड़ा। एजेंटों ने धमकी दी थी कि “अगर ज्यादा सवाल किए, तो गोली मार दी जाएगी”।

🇲🇽 मेक्सिको में अमानवीय यातनाएँ 🇲🇽

मेक्सिको पहुंचने के बाद प्रवासियों को एक कंटेनर में ठूंसकर रखा गया, जहां शौचालय जाने की भी अनुमति नहीं थी। अगर कोई विरोध करता, तो उसे बेरहमी से पीटा जाता। जब वे अमेरिका की सीमा पर पहुंचे, तो अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लेकर जबरन दाढ़ी कटवा दी और फिर भारत भेज दिया।

💰 परिवारों की टूटी उम्मीदें और आर्थिक बर्बादी 💰

पंजाब के लवप्रीत सिंह और जसनूर सिंह ने भी ऐसी ही भयावह कहानियाँ साझा कीं। उनके परिवारों ने अमेरिका भेजने के लिए 40 से 55 लाख रुपये तक खर्च किए, लेकिन बदले में निर्वासन और अपमान झेलना पड़ा। जसनूर के परिवार ने तो इस यात्रा के लिए अपनी जमीन और गाड़ियाँ तक बेच दीं, लेकिन अब उनके पास न पैसे बचे, न अमेरिका जाने का सपना।

⚠️ अवैध प्रवास: एक खतरनाक जाल ⚠️

यह घटनाएँ एक कड़वी सच्चाई को उजागर करती हैं—अमेरिका जाने की चाहत में लोग अपने जीवन की सबसे कठिन और खतरनाक यात्रा पर निकल पड़ते हैं। मानव तस्करी करने वाले एजेंट झूठे वादों के सहारे लोगों को करोड़ों रुपये खर्च करने पर मजबूर कर देते हैं। लेकिन बदले में उन्हें मौत के साए में जीने को मजबूर कर देते हैं।

🚨 “डंकी रूट” अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक “मौत की राह” बन चुका है इस दर्दनाक अनुभव से सीख लेकर अब समय आ गया है कि लोग सतर्क रहें और सुरक्षित एवं कानूनी तरीकों से ही विदेश जाने की योजना बनाएं

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