आज के समय में हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। लोग अपना समय बचाने के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरफ अपने कदम बढ़ा रहें है। लेकिन एक वर्ग आज भी ऐसा है जो अभी भी नकद लेनदेन का विकल्प सेलेक्ट कर रहा है।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि कोई भी ट्रांजेक्शन हो वह चाहें ऑफलाइन हो या ऑनलाइन एक लिमिट से अधिक करने पर इनकम टैक्स वाले नोटिस भेज देते है। तो आज हम आपको बताएंगे की कितने रुपए तक हम ट्रांजेक्शन कर सकतें हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नियमों में मुताबिक यदि कोई भी व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या उससे अधिक कैश जमा करता है, तो उसे इसकी सूचना इनकम टैक्स को देनी होती है। बैंक किसी खाते में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए की कैश जमा करने के बारे में पूछताछ कर सकता है, वह एफडी में लेनदेन के लिए भी यही नियम लागू करता है।
यदि कोई भी एक वित्त वर्ष में एफडी में 10 लाख रुपए से अधिक जमा करता है, तो आयकर विभाग उनसे पैसे के सोर्स के बारे में जानकारी लेता है। वही कई ऐसे लोग शेयर म्यूचुअल फंड डिंबेचर या बांड में निवेश करना एक अच्छा विकल्प मानते है।
इस तरह के निवेशक में पैसे बचाने की आदत भी विकसित हो सकती है, लेकिन अगर कोई शेयर , म्यूचुअल फंड, डिंबेचर या बॉन्ड खरीदने के लिए बड़ी मात्रा में कैश का उपयोग करता है, तो यह आयकर विभाग को भी सचेत करता है।