ChatGPT जैसे AI चैटबॉट के आ जाने के कारण आजकल कई काम आसान हो गए हैं। स्कूल कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक अस्पतालों से लेकर कंपनीयों तक हर जगह अब इसका इस्तेमाल होने लगा है।
हालांकि इसका ज्यादा इस्तेमाल अब खतरा बन गया है एक स्टडी में सामने आया कि इन चैटबाॅट को ज्यादा इस्तेमाल करने से आपका अकेलापन बढ़ सकता है और दूसरे लोगों से मेल-जोल में कम समय बीतेगा।
ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI और MIT की एक रिसर्च में यह जानकारी सामने आई है।
स्टडी में सामने आए कि जो लोग चैटGPT के साथ रोजाना ज्यादा समय बीताते हैं, वह भावात्मक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं। इस वजह से उन्हें अकेलापन महसूस हो रहा है और उन्हें दूसरों के साथ मिलना जुलना अच्छा नहीं लगता है।
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि इंसानी रिश्तों में भावात्मक रूप से ज्यादा जुड़ाव महसूस करने वाले और चैटबॉट पर ज्यादा भरोसा करने वाले लोगों ने ChatGPT के इस्तेमाल के बाद तुलनात्मक रुप से अधिक अकेलापन महसूस किया।
आपको बता दे कि पिछले काफी समय से इस टेक्नोलॉजी से युवा मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं और लोग इसे लेकर अक्सर चिंता जाहिर करते हैं। पिछले साल एक कंपनी के चैटबॉट पर बच्चों को खुद की जान लेने के लिए उकसाने का आरोप लगा था।
इसी मामले में एक 14 वर्षीय बच्चे ने आत्महत्या भी कर ली थी। ताजा स्टडी करने वाले रिसर्चर का कहना है कि अभी तक यह रिसर्च शुरुआती चरण में है और इसका पूरा असर अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे और स्टडी का रास्ता खुलेगा।
एक रिसर्चर ने कहा कि AI पर ध्यान देना मजेदार है, लेकिन इसका लोगों पर क्या असर पड़ता है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।