अगर महिला के साथ हुई यह हरकत तो इसे भी माना जाएगा रेप के समान, हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

Meghalaya High Court की एक बेंच ने कहा कि अंडरपैंट पहनी महिला के प्राइवेट पार्ट के ऊपर पुरुष के अंग की कोई भी हरकत उसे…

If this act happened with the woman, then it will also be considered as rape, the High Court ruled

Meghalaya High Court की एक बेंच ने कहा कि अंडरपैंट पहनी महिला के प्राइवेट पार्ट के ऊपर पुरुष के अंग की कोई भी हरकत उसे सजा दिलाने के लिए काफी है। खासकर महिला के private part पर कुछ भी रगड़ना IPC की धारा 375 (बी) के तहत Penetration के समान माना जाएगा। भले ही उसे इस दौरान पीड़िता को किसी तरह का दर्द महसूस न हुआ हो। बेंच में चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस डब्ल्यू डिएंगदोह शामिल थे।


‘धारा 375 के उद्देश्य के लिए ऐसा होना जरूरी नहीं’
बेंच ने कहा IPC की धारा 375 के उद्देश्य के लिए Penetration पूरा होना जरूरी नहीं है। प्रासंगिक प्रावधान के उद्देश्य के लिए Penetration का कोई भी तत्व पर्याप्त होगा। इसके अलावा, दंड संहिता की धारा 375 (बी) उस प्रविष्टि को मान्यता देती है, किसी भी प्राइवेट पार्ट में पुरुष अंग Penetrate करना रेप की श्रेणी में आता है। इसलिए ये स्वीकार किया जाता है कि अंडरपैंट पहनी पीड़िता के साथ ऐसी हरकत करना भारतीय कानून की धारा 375 (B) के तहत Penetration के समान ही माना जाएगा।’


क्या है पूरा मामला?
मामला करीब 16 साल पुराना है। पीड़िता के मुताबिक उसके साथ 23 सितंबर 2006 को रेप हुआ था जिसकी शिकायत उसने 30 सितंबर 2006 को दर्ज कराई गई थी। 1 अक्टूबर 2006 को नाबालिग पीड़िता का मेडिकल हुआ। जिसमें पता चला कि पीड़िता का hymen टूट गया था। मेडिकल रिपोर्ट में लिखा था कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ है इसलिए वो mental trauma का शिकार भी हुई है। इस रिपोर्ट के आधार पर निचली अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया था। जिसके बाद आरोपी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था।


बचाव पक्ष की दलील
इस मामले में High court में आरोपी के वकील ने कहा कि इस मामले में उसके मुवक्किल ने रेप नहीं किया और निचली अदालत ने इस केस में पीड़िता के मौखिक साक्ष्य पर भरोसा किया था। जबकि पीड़िता ने खुद अपनी जिरह में कहा था कि आरोपी द्वारा मेरे साथ बलात्कार करने के बाद मुझे दर्द नहीं हुआ। ऐसे में अंडरपैंड होने की वजह से रेप का कमीशन नहीं बनता है।