बेंगलुरु के नागवारा इलाके में भाजपा पदाधिकारी विनय सोमैया की आत्महत्या ने कर्नाटक की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। 35 वर्षीय विनय ने अपने सुसाइड नोट में कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया और लगातार मानसिक प्रताड़ना दी गई, जिससे वह टूट गए। कोडागु जिले के निवासी विनय एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘कोडागिना समसयेगलु’ के एडमिन थे, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कानूनी सलाहकार और कांग्रेस विधायक एएस पोन्नन्ना से जुड़ी एक विवादित पोस्ट साझा की गई थी। पोस्ट में विधायक की एडिट की गई तस्वीर के साथ आपत्तिजनक संदेश था, जिसके बाद पुलिस ने विनय को आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज की और गिरफ्तार किया।
हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन विनय का आरोप था कि अदालत से राहत के बावजूद कांग्रेस नेताओं और पुलिस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कांग्रेस नेता तेनीरा महेना और विधायक एएस पोन्नन्ना को अपनी मानसिक स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया और लिखा कि राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें बदनाम कर दिया गया। विनय का दावा था कि उनके खिलाफ राउडी शीटर खोलने की साजिश रची जा रही थी ताकि उन्हें स्थायी रूप से अपराधी साबित किया जा सके।
अपने अंतिम पत्र में विनय ने भाजपा नेताओं से अपील की कि वे उनकी मां, पत्नी और बेटी की मदद करें। उन्होंने लिखा कि वह परिवार से मिलना चाहते थे लेकिन अब बस यादों के सहारे विदा ले रहे हैं। इस घटना के बाद राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने जांच का आश्वासन दिया है और पुलिस ने मामले के सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में यह मामला तेजी से गरमाता जा रहा है।