उत्तराखंड में शिक्षकों की भारी कमी: पहाड़ी जिलों में नियुक्ति से बच रहे अभ्यर्थी

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सरकारी नौकरियों में भर्ती होने के प्रति युवाओं की उदासीनता सामने आई है। खासकर, सीमांत चमोली जिले के राजकीय प्राथमिक…

Huge shortage of teachers in Uttarakhand: Candidates avoiding appointment in hilly districts

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सरकारी नौकरियों में भर्ती होने के प्रति युवाओं की उदासीनता सामने आई है। खासकर, सीमांत चमोली जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिल रही है। अभ्यर्थी सरकारी नौकरी तो चाहते हैं, लेकिन पहाड़ों में कार्य करने से कतरा रहे हैं।

67 अभ्यर्थियों ने ज्वाइनिंग से किया इनकार
राज्य में सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। चमोली जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 446 रिक्त पदों में से 360 पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि, चार राउंड की काउंसलिंग के बाद सिर्फ 293 अभ्यर्थियों ने ही पद ग्रहण किया।

67 अभ्यर्थी ऐसे रहे जो काउंसलिंग में शामिल हुए, लेकिन नियुक्ति स्थल पर ज्वाइन करने ही नहीं पहुंचे। अब पांचवें राउंड की काउंसलिंग की जा रही है, लेकिन इसमें भी सिर्फ 18 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। ऐसे में पांच राउंड की काउंसलिंग के बाद भी शिक्षकों की भारी कमी बनी रहेगी।

मैदानी इलाकों की ओर रुख कर रहे अभ्यर्थी

कई अभ्यर्थियों को चमोली जिले के स्कूलों में नियुक्ति मिली, लेकिन उन्होंने अन्य जिलों की काउंसलिंग में भी भाग लिया। जैसे ही देहरादून, हरिद्वार और अन्य मैदानी जिलों में पद मिले, वे चमोली छोड़कर वहां चले गए। कुछ अभ्यर्थी पहली बार पहाड़ों में आए थे, लेकिन दुर्गम इलाकों के स्कूल देखकर उन्होंने ज्वाइन ही नहीं किया।

बीएड धारकों के अयोग्य होने से और बढ़ी समस्या

अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों के पद के लिए बीएड डिग्री धारकों को अयोग्य करार दिया। इसके चलते इस भर्ती में केवल डीएलएड (D.El.Ed) प्रशिक्षित अभ्यर्थी ही शामिल हो सके। लेकिन डीएलएड धारक कम संख्या में उपलब्ध होने के कारण कई पद रिक्त रह गए।

चमोली जैसे दुर्गम जिलों में नियुक्ति चुनौतीपूर्ण

चमोली जिला दुर्गम क्षेत्र में आता है, जहां सुविधाएं सीमित हैं। ऐसे में अधिकतर अभ्यर्थी मनपसंद स्थान मिलने पर पहाड़ छोड़ रहे हैं। अब रिक्त पदों को भरने के लिए निदेशालय स्तर से नई रणनीति अपनाने पर विचार किया जा रहा है।

मुख्य शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह रावत के अनुसार, सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में शिक्षक नियुक्ति की यह समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है।

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