दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में बताया कि देश की निचली अदालतों में पिछले 20 वर्षों से करीब 6.72 लाख केस लंबित हैं। वहीं, हाईकोर्टों में यह संख्या करीब 2,94,547 है। रिजिजू ने कहा कि अदालत के मामलों का लंबित होना एक बहुआयामी समस्या है।
रिजिजू ने अदालतों में लंबित मामलों के पीछे के कारण भी गिनाए। उन्होंने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का अंबार केवल हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी के कारण नहीं है बल्कि कई अन्य कारकों के कारण भी है। देश की जनसंख्या में वृद्धि और जनता के बीच अपने अधिकारों के बारे में जागरूकता के कारण नए मामले दर्ज करने में भी साल दर साल तेजी से वृद्धि हो रही है।