How to Become a Jailer:जाने कैसे बन सकते हैं जेल के जेलर, कैसे मिलती है यह नौकरी?

How to Become a Jailer: भारत में जेलर का पद सीधी भर्ती के द्वारा नहीं मिलता है। जेलर बनने के लिए उम्मीदवार को स्टेट पीसीएस…

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How to Become a Jailer: भारत में जेलर का पद सीधी भर्ती के द्वारा नहीं मिलता है। जेलर बनने के लिए उम्मीदवार को स्टेट पीसीएस की परीक्षा क्वालीफाई करनी पड़ती है जिसके बाद उसकी सहायक या डिप्टी जेलर के पद पर नियुक्ति की जाती है और बाद में अनुभव के अनुसार उसे जेलर का पद सौंपा जाता है।

How to Become a Jailer in India: अगर आपको भी भारत में जेलर की नौकरी पानी है तो यह नौकरी आप कैसे पा सकते हैं? जेलर का पद पाने के लिए आपको कौन सी परीक्षा देनी होगी? इसका एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्या होता है? और जेलर बनने के बाद आपको कौन-कौन सी जिम्मेदारियां निभानी होगी? आज हम आपको इन्हीं सबके बारे में बताएंगे-

नहीं मिलता सीधा जेलर का पद
आपको बता दे की जेलर का पद केंद्र व राज्य सरकार के नियंत्रण वाले कारागारों में होता है। वही जेलर के पदों पर सीधी भर्ती नहीं होती है। पहले उम्मीदवार की सहायक जेलर या डिप्टी जेलर के पद पर भर्ती की जाती है और भविष्य में सहायक जेलर या डिप्टी जेलर के पद पर तैनात उम्मीदवार के अनुभव और योग्यता के अनुसार उसे जेलर का पद दिया जाता है।

जेलर बनने के लिए स्टेट परीक्षा पास करना अनिवार्य
जेलर के पद को पाने के लिए आपको स्टेट पीसीएस यानी लोक सेवा आयोग द्वारा समय-समय पर वैकेंसी निकाली जाती है। भर्ती प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा शारीरिक दक्षता परीक्षा और इंटरव्यू राउंड देना होता है।

एलिजिबिलिटी और आयु सीमा
इस परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। साथ ही उम्मीदवार के पास बेसिक कंप्यूटर कोर्स का सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। जेलर बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 21 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए कुछ राज्यों में यह सीमा 35 वर्ष तक भी हो गई है।

जेलर के लिए आपको लिखित परीक्षा पास करने के बाद शारीरिक दक्षता में भी शामिल होना होता है। जहां उम्मीदवार की लंबाई 168 से 170 सेंटीमीटर और सीना 81 से 85 सेंटीमीटर तक होना चाहिए। इसके अलावा उम्मीदवार को 6 मिनट से कम समय में 1600 मीटर की दौड़ कंप्लीट करनी होती है।

सबसे पहले मिलता है सहायक या डिप्टी जेलर का पद
शारीरिक दक्षता परीक्षा को पास करने के बाद उम्मीदवारों को इंटरव्यू राउंड में बुलाया जाता है, जहां उनकी पर्सनैलिटी लीडर शिप, स्किल और कम्युनिकेशन स्किल को देखा जाता है। इन तीनों राउंड को क्लियर करने के बाद उम्मीदवार का नाम मेरिट लिस्ट में आता है। शुरुआत में सहायक जेलर या डिप्टी जेलर के पद पर उम्मीदवार को तैनात किया जाता है।

क्या होती हैं जेलर की जिम्मेदारियां?

1. जेल का मैनेजमेंट

जेल के पूरे मैनेजमेंट और प्रशासन के लिए जिम्मेदारी जेलर की होती है। जेल में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखना भी जेलर का काम होता है। इसके अलावा कैदियों के भोजन, कपड़े, कारागार की व्यवस्था और जेल के कर्मचारियों की देखरेख करना भी जेलर का काम होता है। जेलर को और भी कई तरह की जिम्मेदारियां निभानी होती हैं।

2. कैदियों का कल्याण:
जेलर को कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी निभानी होती है।कैदियों के पुनर्वास और सुधार के कार्यक्रमों का आयोजन भी जेलर को करना होता है। कैदियों को कानूनी सहायता भी प्रदान करना होता है। कैदियों को उनके परिवार वालों से संपर्क करने की सुविधा भी जेलर ही करवाता है।

3. सुरक्षा:

– जेल में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखना।
– जेल में अवैध गतिविधियों को रोकना।
– जेल से कैदियों को भागने से रोकना।
– जेल में आपातकालीन स्थितियों का प्रबंधन करना।

4. कानूनी जिम्मेदारियां:

जेलर की कई सारी कानूनी जिम्मेदारियां भी होती हैं। जेल से संबंधित सभी कानूनो का पालन करना जेलर का काम होता है। कैदियों के अधिकारों का सम्मान करना और कैदियों के साथ न्याय पूर्ण और मानवीय व्यवहार करना भी जेलर की जिम्मेदारी है।