अल्मोड़ा -: उत्तराखंड से रोजगार के लिए पलायन की गवाही देने वाले पुराने मकान भी अब सुरक्षित नहीं हैं ,समय बीतने के साथ जीर्ण क्षीर्ण होते जा रहे इन पुरनी थाती समेटे पुराने हो चुके मकानों पर आग जैसी आपदाओं का असर होने लगा है| गांवों में तेजी से हो रहे पलायन के चलते और आसपास सूनसानी होने के कारण लोगों को इसका पता भी काफी देर से चल रहा है|
अल्मोड़ा जिलामुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर ग्राम कुंजबर्गल धमोली के रमेश चन्द्र मिश्रा के मकान में 18 मई को दिन मे आग लगने से लाखो के सामान की क्षति हो गयी प्राप्त जानकारी मे बताया है कि अल्मोड़ा तहसील की ग्राम पंचायत कुंजबर्गल के धमोली गांव मे केहरु तोक मे रमेश चन्द्र मिश्रा नवीन चन्द्र मिश्रा भुवन चन्द्र मिश्रा एवं उनके चाचा पुरन चन्द्र मिश्रा का पुश्तैनी मकान है जिसमे 14 कमरे है 18मई को दोपहर के समय एकाएक आग लग गयी मकान से जब धुंआ उठा तो जरा दूर स्थित रहने वालो को आग का पता चला आस पास के लोगो द्वारा आग को बुझाने का प्रयास किया गया लेकिन तब तक मकान के भीतर रखे बिस्तर फर्नीचर बर्तन जलकर राख हो गये है | क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता शिवराज बनौला ने यहां बताया है कि आग लगने की सूचना पट्टी पटवारी को दे दी गयी है छुट्टी होने के कारण जिलाधिकारी को 20 मई को दी जायेगी इतनी भीषण आग मे जन हानि तो कोई नही हुई क्योंकि परिवारो के लोग रोजगार हेतु बाहर गये हुए है परिवार के सदस्यों ने आग लगने के कारणों की जाँच एवं उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है क्योंकि पुश्तैनी मकान अब रहने योग्य नही रह गया है तथा घर मे रखा सारा सामान भी जल गया है।
पलायन के चलते बड़ा प्रवासियों के पुस्तैनी मकानों पर भी संकट, कुंज बड़गल में धूधू कर जला 14 कमरों का आलीसान पुस्तैनी मकान, पूर्वजों से जुड़ी यादें भी हुई स्वाह
अल्मोड़ा -: उत्तराखंड से रोजगार के लिए पलायन की गवाही देने वाले पुराने मकान भी अब सुरक्षित नहीं हैं ,समय बीतने के साथ जीर्ण क्षीर्ण…