होली का त्योहार: चंद्र ग्रहण का साया, लेकिन उत्सव में बाधा नहीं

होली का त्योहार आने वाला है और लोगों में रंगों के इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस साल 14 मार्च को होली…

Holi festival: Shadow of lunar eclipse, but no hindrance to the celebration

होली का त्योहार आने वाला है और लोगों में रंगों के इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस साल 14 मार्च को होली मनाई जाएगी, लेकिन साथ ही चंद्र ग्रहण का भी साया दिखाई दे रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पूर्णिमा की शुरुआत 13 मार्च सुबह 10:35 बजे से होती है और यह 14 मार्च दोपहर 12:23 बजे समाप्त हो जाती है।

इसी क्रम में होलिका दहन 13 मार्च की रात को मनाया जाएगा, जिससे अगले दिन होने वाली होली की तैयारियाँ पूरी तरह से की जा सकेंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 14 मार्च को चंद्र ग्रहण की शुरुआत सुबह 9:28 बजे से होगी और दोपहर 3:39 बजे समाप्त हो जाएगी।

हालांकि ग्रहण के सूतक काल की भी जानकारी है, जिसमें ग्रहण से 9 घंटे पहले से कोई शुभ कार्य करने से बचा जाता है, परन्तु विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार 14 मार्च को होने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इससे होली पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और लोग अपने पारंपरिक तरीके से रंग, गुलाल और पानी के साथ होली का आनंद उठा सकेंगे।

14 मार्च को मनाई जाने वाली होली पर चंद्र ग्रहण का साया दिखने की खबर ने कई लोगों में सवाल खड़े कर दिए कि क्या ग्रहण के दौरान शुभ कार्य संभव है या नहीं। हालांकि, ज्योतिषियों और विशेषज्ञों ने आश्वस्त किया है कि यह बार चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और इसलिए होली के दिन कोई बाधा नहीं आएगी।

पूर्णिमा तिथि की गणना के अनुसार, 13 मार्च सुबह से पूर्णिमा की शुरुआत हो चुकी है और 14 मार्च दोपहर तक पूर्णिमा का वातावरण बना रहेगा, जिसके बाद होलिका दहन की रात और होली के दिन पूरे देश में उत्साह के साथ त्योहार मनाया जाएगा। जबकि चंद्र ग्रहण की घटना को लेकर सूतक काल की भी चेतावनी दी जाती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह ग्रहण अमेरिका, पश्चिम यूरोप, पश्चिम अफ्रीका और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। इस वजह से भारत में होली का त्योहार पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और लोग अपने प्रियजनों के साथ रंगों का आनंद उठा सकेंगे।

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