Himachal Pradesh: तीन माह पहले हुई थी दिल्ली में पंचायत! फिर भी हल्के में लेती रही कांग्रेस

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार अचानक संकट के बादल नहीं छाए बल्कि इन बादलों की पूरी कहानी है। वही सियासी जानकारों का मानना है कि…

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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार अचानक संकट के बादल नहीं छाए बल्कि इन बादलों की पूरी कहानी है। वही सियासी जानकारों का मानना है कि जो स्थिति हिमाचल प्रदेश में आज बनी बनी है इसका अंदेशा पहले से ही लगाया जा रहा था। सीएम से बिगड़ते रिश्तों के बीच हिमाचल प्रदेश के नाराज नेताओं ने दिल्ली आलाकमान से अपनी शिकायत दर्ज की थी।

बताया जा रहा है कि दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के बीच हिमाचल के नेताओं की महत्त्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई। तीन राज्यों में हुए राज्यसभा के चुनावों के बाद सबसे ज्यादा सियासी संकट हिमाचल प्रदेश में खड़ा हो गया है। वही विक्रमादित्य ने बुधवार की इस्तीफा दे दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि जिन परिस्थितियों में सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया था, उसी वक्त तय हो गया था कि देर सबेर राज्य में बगावत हो सकती है। सियासी जानकार बताते है कि हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य और मुख्यमंत्री के बीच अनबन खबरें सामने आ रही थी।

पत्रकार राजेश शर्मा का कहना है कि जब विक्रमादित्य सिंह अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने गए और उसके दौरान सोशल मीडिया पर आ रही पोस्ट से ही पता लग रहा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। सूत्रों के हवाले से पता चला कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के खिलाफ पनप रही बगावत और नाराजगी को लेकर पार्टी के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक की थी।