अभियोजन अधिकारियों की कमी से प्रभावित हो रही अदालत की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में अभियोजन अधिकारियों की कमी को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने…

High court

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में अभियोजन अधिकारियों की कमी को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से 10 जनवरी तक जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, निदेशक (अभियोजन) व पब्लिक सर्विस कमीशन को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं।

मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने देहरादून के डिस्ट्रिक्ट जज के पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में तब्दील किया है। जिला जज के पत्र में कहा गया कि देहरादून में जिला अदालत में अभियोजन अधिकारियों की कमी है। इससे अदालत की कार्यवाही प्रभावित हो रही है। सरकार की ओर से कहा गया कि अभियोजन अधिकारियों का परीक्षा व इंटरव्यू की प्रक्रिया गतिमान है। उसके बाद यह कमी दूर हो जाएगी। इस पर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत विवरण के साथ जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।