देश के बड़े हिस्सों में इस बार गर्मी कुछ अधिक ही तेज होने वाली है। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात समेत कई राज्यों के लिए हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकांश इलाकों में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा रहेगा और कई जगहों पर तीव्र लू चल सकती है। इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न राज्य सरकारें और उनके संबंधित विभागों ने हीटवेव से बचाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है, जहां राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने विभागों के लिए एडवाइजरी तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है।
उत्तराखंड में भी इस बार गर्मी सामान्य से अधिक रहने की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के विभिन्न विभागों को सचेत करने और उन्हें हीटवेव से निपटने के लिए तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है। उम्मीद की जा रही है कि 8 या 9 अप्रैल तक इस संबंध में विस्तृत एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी। यह एडवाइजरी उन विभागों के लिए होगी जो सीधे तौर पर जनता से जुड़े हुए हैं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पशुपालन, ग्राम्य विकास और आवास विभाग।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि इस बार हीटवेव की तीव्रता पहले के मुकाबले अधिक होने की आशंका है। ऐसे में आम लोगों को इससे होने वाली कठिनाइयों से बचाने के लिए हर स्तर पर तैयारी आवश्यक है। विभागों को इस दिशा में विशेष जिम्मेदारियां दी जा रही हैं ताकि वे अपने-अपने स्तर पर लू से निपटने के लिए ठोस इंतज़ाम कर सकें।
स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और पेयजल से लेकर निर्माण कार्यों तक, सभी क्षेत्रों में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गर्मी की मार से लोगों को यथासंभव राहत मिल सके। अस्पतालों में दवाइयों और बेड की पर्याप्त व्यवस्था, स्कूलों के समय में बदलाव, बच्चों के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता, आंगनबाड़ी केंद्रों की समय-सारणी में संशोधन, श्रमिकों के लिए कार्य समय में परिवर्तन, पशुओं की सुरक्षा के लिए उपाय और सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल व्यवस्था जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ही पूरी रणनीति तैयार की जा रही है।
राज्य सरकार की मंशा स्पष्ट है कि किसी भी स्थिति में जनता को हीटवेव से जुड़ी परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसलिए समय से पहले एडवाइजरी जारी कर सभी विभागों को सतर्क किया जा रहा है, ताकि वे अपने-अपने स्तर पर आवश्यक कदम उठाकर प्रदेश को लू के प्रभाव से बचा सकें।