साहब! अब स्वास्थ्य (Health issue)पर बात करनी ही होगी,कुमांऊ में वेंटीलेटर की सुविधा केवल हल्द्वानी में,कौन करेगा बात कौन करेगा व्यवस्था

Health issue

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यहां देखें कैबिनेेट मंत्री यशपाल आर्य का बयान

यहां देखें पूर्व स्पीकर कुंजवाल का बयान

अल्मोड़ा:04अप्रेल—विश्वव्यापी महामारी के इस दौर में हर देश हर राज्य और हर प्रशासनिक अमला अपने अपने स्तर से इस महामारी से निपटने या यूं कहें बचने के लिए जूझ रहा है(Health issue)।

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हर जगह पर इस जानलेवा वायरस से खुद को बचाने के लिए सभी बचाव मार्ग को ढूंढ रहे हैं। तैयारियां और व्यवस्थाएं भी बचाव प्रक्रिया की ही हो रही हैं क्योंकि अब तक इस वायरस से होने वाले संक्रमण का उपचार नहीं खोजा जा सका है।

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लेकिन संक्रमित व्यक्ति को बचाने के लिए जिस प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं होनी चाहिए उनकी व्यवस्थाएं करना भी भारत जैसे देश के लिए दुश्वारियां खड़ी हो रही हैं।

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अलग प्रदेश उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों या केवल अल्मोड़ा की बात करें तो यहां भी स्वास्थ्य आज तक मूलभूत सुविधा के रूप में सामने नहीं आ पाया है ।

यहां कई बार ​जीवित रहना नियति के भरोसे दिखता है। जिले में डाक्टरों की कमी का प्रतिशत 50 के करीब है। जिम्मेदारी किसकी है यह कोई तय नहीं कर पाया है।

अब चूकि कोरोना एक संक्रमण है और यह बीमारी तेजी से एक दूसरे को फैलती है ऐसी स्थिति में कभी यहां उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत पड़ गई तो क्या होगा यह चिंता मशीनरी को भी है शायद सरकार को भी होगी।

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आपको यह जानकार हैरानी होगी कि छह विधानसभाओं वाले इस जिले में किसी भी अस्पताल में वैंटीलेटर की व्यवस्था नहीं है। यहां नजदीकी वैंटीलेटर की व्यवस्था केवल और केवल हल्द्वानी में है। यह बात आज अल्मोड़ा पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की मौजूदगी में भी उठी।

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बैठक में डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान, विधायक सल्ट सुरेन्द्र सिंह जीना, द्वाराहाट विधायक महेश सिंह नेगी,रानीखेत के विधायक करन महरा, जागेश्वर के विधायक और पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल भी मौजूद रहे।

इसी बैठक में बात आई कि अल्मोड़ा में वेंटीलेटर जैसी सुविधा नहीं है। सवा छह लाख से अधिक की आबादी में यदि कभी कोई बड़ी दिक्कत हो गई तो कैसे उपचार होगा।

हालांकि यहां तकनीशियन भी अधिक नहीं है लेकन कम से कम दो वेंटीलेटर होने जरूरी है। यहीं नहीं विधायकों के सामने सेनीटाइजिंग नहीं होने या फिर मास्क जैसी प्राथमिक जरूरत का सामान भी उपलब्ध नहीं था और विधायकों ने नाराजगी ज​ताई।

एक बार फिर पढ़ लीजिए तैयारी के बहुत ​बड़े दावे के बीच विधायकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि मास्क की उपलब्धता नहीं है यह सारी बात शनिवार को दोपहर में अल्मोड़ा सर्किट हाउस की बात है।

अब आए दिन बैठकों का दौर और फाइलों के बोझ के बीच भागने वाले स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां कैसी रहीं होंगी यह तस्वीर चिंता​जनक है।

इसी बैठक में विधानसभा स्तर पर कंट्रोल रूम होने की बात भी विधायकों ने कही तो रानीखेत के विधायक करन महरा ने छावनी परिषद और चिलियानौला पालिका में सेनीटाइजिंग नहीं होने और मास्क नहीं मिलने की बात कही। यानि मास्क जैसी मामूली जरूरत अल्मोड़ा में स्वास्थ्य महकमा पूरा नहीं करा पाया। सेनीटाइजिंग के लिए अस्पताल भी जरूरत महसूस कर रहे है। कहना था कि यहां ब्लीचिंग नहीं बल्कि कैमिकल बेस्ट लिक्विड से अस्पताल सेनीटाइज होने चाहिए। डाक्टरों को सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाना चाहिए।


अधिकारियों ने बताया कि सामान का आर्डर दिया गया है बाहर से आपूर्ति बाधित होने से दिक्कत आ रही है। सल्ट के विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना और पूर्व ​स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी ग्रामीण क्षेत्रों तक सारी मदद पहुंचाने को कहा।


कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बैठक् में सारी बातें आ गई है ग्लब्ज की जरूरत है। मास्क की जरूरत है। वेंटीलेटर खरीदने की बात भी आई है।

और इस पर चर्चा की गई है। लेकिन पूरी बात ही मंत्री के सामने खुली स्वास्थ्य महकमा अभी तक यह स्वीकार ही नहीं कर रहा था कि यहां मास्क और ग्लब्ज ही नहीं है।कैबिनेट मंत्री ने भी माना कि यहां कम से कम मेडिकल कॉलेज में वेंटीलेटर की सुविधा होनी चाहिए।

इस बैठक में कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण के लिए सरकार द्वारा नामित केबिनेट मंत्री यशपाल आर्या ने आज सर्किट हाउस में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ समीक्षा बैठक की।

इस दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि लाॅकडाउन अवधि में जनपद में बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखते हुए उनके स्वास्थ्य परीक्षण की दैनिक रिर्पोट प्राप्त करें।

उन्होंने कहा कि जनपद की सीमाओं में स्वास्थ्य परीक्षण के ठोस इन्तजाम रखे जाय। कन्ट्रोल रूम को 24घंटे खुले साथ ही समस्त तहसीलों में भी कंट्रोल रूम की स्थापना की जाय।

उन्होंने चिकित्सालयों में आवश्यक उपकरणों यथा मास्क, सेनिटाईजर, सोडियम हाईपोक्लोराइड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन जागरूकता अभियान चलाने के अलावा छिड़काव आदि किया जाय।


आर्य ने कहा कि जरूरतमंद लोगो को भोजन के पैकट आदि वितरित किये जाय। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की किसी भी प्रकार से कोई कमी नहीं है राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि अति आवश्यक सेवाओं के अलावा खाद्यान्न व जरूरी चीजो को लाने ले जाने वाले वाहनों की सप्लाई चैन पर कोई असर न पड़े इसके लिए इन्हें पास उपलब्ध कराये जाय।

उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के सम्बन्ध में सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणी व अफवाह को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन ऐसे लोगो पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए।


उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि समस्त थाना प्रभारी भी यह सुनिश्चित कर लें कि सोशल मीडिया व्हाटसएप, फेसबुक आदि में अफवाह फैलाने वालो पर कड़ी कार्यवाही की जाय।

उन्होंने अधिकारियों को सामाजिक दूरी हेतु लोगो को जागरूक करने के साथ-साथ उल्लघंन करने वालो के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, पूर्व जिलाध्यक्ष गोविन्द पिलख्वाल, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा, मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल, अपर जिलाधिकारी बीएल फिरमाल, उपजिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सविता हंयाकि, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 योगेश पुरोहित, आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी, परियोजना प्रबन्धक कैलाश चन्द्र भटट के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।