Haridwar में इंफ्लूएंजा-ए के संदिग्ध मरीजों के चलते एलर्ट मोड में आया स्वास्थ्य विभाग

Haridwar में इंफ्लूएंजा-ए के संदिग्ध मरीजों के चलते स्वास्थ्य विभाग, अलर्ट मोड में आ गया है| अब ​मेला अस्पताल हऱ़िद्धार और सिविल अस्पताल रुड़की में…

Health department comes into alert mode due to suspected influenza-A patients in Haridwar

Haridwar में इंफ्लूएंजा-ए के संदिग्ध मरीजों के चलते स्वास्थ्य विभाग, अलर्ट मोड में आ गया है| अब ​मेला अस्पताल हऱ़िद्धार और सिविल अस्पताल रुड़की में संदिग्ध मरीजो के सैंपल लिए जायंगे। मेला अस्पताल प्रशासन ने इंफ्लूएंजा-ए के खतरे को देखते हुए अस्पताल परिसर में मास्क पहनने और फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


हरिद्वार में इंफ्लूएंजा-ए के सब वेरिएंट एच3 एन2 के संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग शुरू हो रही है। सीएमओ डॉ. मनीष दत्त के अनुसार हरिद्वार के मेला अस्पताल और रुड़की के सिविल अस्पताल में संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए जायेंगे।वही अन्य अस्पतालों के संदिग्ध मरीजों को सैंपलिंग के लिए दोनों अस्पतालों में से किसी एक अस्पताल में भेजा जाएगा। वहां से इन सैंपलों को जाँच के लिए दिल्ली और देहरादून की लैबों में जांच के लिए भिजवाया जायेगा।

हरिद्वार जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हितेन जंगपांगी ने बताया कि हर रोज बुखार, जुकाम, खांसी के करीब 25 बच्चे अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। डॉ. जंगपांगी ने कहा कि आम तौर पर बुखार अधिक से अधिक चार दिन में ठीक हो जाता था और खांसी दस दिन में खत्म होती थी| इस सीजन में बुखार एक हफ्ते और खांसी तीन सप्ताह तक रह रही है।जिला अस्पताल में फिजिशियन डॉ. संदीप टंडन के पास भी इस तरह के करीब 30 मरीज दिखाने के लिए आ रहे हैं। इस स्थिति के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड़ में आ गया है।


सीएमओ डॉ. मनीष दत्त ने सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, को भी गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने को कहा है।