स्यालीधार हवालबाग में स्वास्थ्य शिविर आयोजित, टीबी मुक्त भारत अभियान को मिली नई ऊर्जा

हवालबाग:: अल्मोड़ा: ग्राम सभा स्यालीधार, हवालबाग में “मेरा गांव टीबी मुक्त” अभियान के तहत एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का…

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हवालबाग:: अल्मोड़ा: ग्राम सभा स्यालीधार, हवालबाग में “मेरा गांव टीबी मुक्त” अभियान के तहत एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) जैसी गंभीर बीमारी के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करना, प्रारंभिक लक्षणों की पहचान करना और सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देना था। सामाजिक कार्यकर्ता युवा मुकेश लटवाल के प्रयासों से आयोजित इस शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।

वरिष्ठ विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

स्वास्थ्य शिविर में वरिष्ठ चैस्ट रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. डीसी पुनेरा (विभागाध्यक्ष, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज) ने ग्रामीणों को टीबी के लक्षणों के प्रति सचेत किया और बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी,बलगम में खून आना,
भूख में कमी या लगातार वजन कम होना,
सीने में दर्द या बार-बार बुखार आनाऔर कोविड की हिस्ट्री रही हो—तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि टीबी की पुष्टि होते ही 48 घंटे के भीतर मरीज का निःशुल्क उपचार शुरू कर दिया जाता है और उसे निक्षय पोषण योजना से जोड़ा जाता है। इस योजना के तहत मरीज को बेहतर पोषण के लिए हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खाते में प्रदान की जाती है।

शिविर में हुई जांच और जागरूकता अभियान

इस स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों के ब्लडप्रेशर की जांच, अस्थमा के मरीजों के फेफड़ों की क्षमता परीक्षण और वजन जांच की गई। इसके अलावा, जन जागरूकता अभियान के तहत पर्चे वितरित किए गए और बलगम जांच के लिए कंटेनर भी दिए गए।

वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक आनंद मेहता ने बताया कि टीबी संक्रमण रोकने के लिए मरीजों की शीघ्र पहचान और त्वरित उपचार आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शहरी और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में माइक्रो प्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके।

टीबी मुक्त भारत का संकल्प

शिविर में उपस्थित डॉ. आचार्य नागेंद्र प्रसाद जोशी (टीबी रोग विशेषज्ञ, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज) ने कहा कि टीबी को पूरी तरह खत्म करने के लिए केवल सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि सामूहिक भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” का नारा दिया है, और सरकार 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है।

शिविर में ग्रामीणों की उत्साहपूर्ण भागीदारी

इस शिविर में गुड्डू लटवाल, महेंद्र रावत, आशा देवी, दीपक ऐरी, सुंदर लटवाल, बसंती देवी, मुन्ना, रेनू, जैतुली देवी, शिव सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।

शिविर के अंत में डॉ. सौरभ खाती और टीएफटी टेक्नीशियन विकास विभागाध्यक्ष की मौजूदगी में ग्रामीणों ने “टीबी मुक्त भारत, हो देश हमारा” और “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” के नारे लगाए।

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