See video here
अल्मोड़ा:- खेती,पशुपालन जैसे पारंपरिक काम में खपने के बाबजूद पहाड़ की रीढ़ बन चुकी महिलाओं ने अब लीक से हट कर उत्पादन के क्षेत्र में मुकाम बनाने का फैसला किया है इनकी यह मुहिम सफल भी हो रही है लोगों को प्रोडेक्ट पसंद आ रहे हैं इससे उत्साहित महिलाओं ने पहाड़ के सेब की चटनी जैम व कीवी का जैम बनाने का काम शुरू कर दिया है | जिला प्रशासन व आजीविका परियोजना ने विपणन की बाधा दूर करने के लिए आउटलेट की व्यवस्था कर दी है | इसके बाद महिलाओं को उम्मीद है कि हिलांस ब्रांड के बैनर मिलने के बाद उनके उत्पाद लोगों की पहली पसंद बनेंगे |
photo :-uttranews
आजीविका सुधार परियोजना के सहयोग से स्वयं सहायता समूहों व आजीविका के सहकारी फैडरेशनों से जुड़ी महिलाओं के लिए हवालबाग ब्लाँक मुख्यालय में एक उत्पादन यूनिट की स्थापना की गई है | यहां पहली यूनिट में बेकरी स्थापित की गई है जिसमे मंडुए के केक, बिस्कुट, मफीन और मल्टीग्रेन ब्रेड बनाए जा रहे हैं |
photo :-uttranews
यह सारा उत्पादन स्थानीय महिलाओं द्वारा किया जा रहा है |उन्हें प्रशिक्षण के साथ ही रोजगार भी मिल रहा है |वही दूसरी यूनिट में फल संरक्षण के लिये स्थानीय सेब की चटनी व जैम बनाए जा रहा है, कीवी का जैम पूरी करे आर्गैनिक रूप से तैयार किया जा रहा है तो पहाड़ में बहुतायत होने वाला माल्टा का स्क्वैश बनाकर इसे बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है |
photo :-uttranews
आजीविका परियोजना के परियोजना प्रबंधक कैलाश भट्ट ने कहा कि प्रशासन के सहयोग से आउटलैट उपलब्ध कराए गए हैं | रघुनाथ सिटी माँल में भी ‘ हो दाज्यू’ नाम से आउटलेट व रेस्त्रां खोल दिया गया है | जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि स्वालंबन की दृष्टि से यह परिकल्पना की गई है जिससें महिलाओं को रोज़गार से जोड़ा जा रहा है |
स्वावलंबी हाथों का उत्पादन मिलेगा ‘हो दाज्यू कैफे ‘ में