हरेला पर्व (Harela) के अवसर पर गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा आयोजित हुआ वृक्षारोपण कार्यक्रम

harela function in GBPIHED Almora अल्मोड़ा-  हरेला पर्व (harela) के अवसर पर गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा अल्मोड़ा एवं पिथौरागढ़ जनपद के…

harela function in GBPIHED Almora

अल्मोड़ा-  हरेला पर्व (harela) के अवसर पर गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा अल्मोड़ा एवं पिथौरागढ़ जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में वृहद् वृक्षारोपण किया गया। पर्यावरण संस्थान के सूर्यकुंज संरक्षण क्षेत्र में तिमुर एवं तेजपात के पौधों का रोपण किया गया। पिथौरागढ़ जनपद में राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के अन्तर्गत हाट कालिका वाटरशेड (गंगोलिहाट), चंडाक, गौरी वैली (बरम) एवं एवं चौदांस घाटी (श्री नारायण आश्रम) के क्षेत्रों में बॉज, देवदार, तेजपात, ऑवला, हरड़ एवं क्वैराल जैसे बहुउपयोगी पौधों का रोपण किया गया।

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संस्थान के निदेशक डा आर.एस. रावल ने प्रकृति की महत्वता तथा कोविड-19 जैसी महामारी में बहुउपयोगी पौधों की महत्वता को संस्थान के कर्मचारियों के साथ साझा किया तथा रदूथिया जैसे संकटग्रस्त पौध का रोपण किया। श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आई.डी. भट्ट ने रोपित औषधीय पौधों के बहुउपयोगी गुण एवं दैनिक जीवन में उनके उपयोगो को प्रतिभागियों से साझा किया।

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पौधरोपण की तकनीक और भूमि चयन जैसे विषय पर डा. सुबोध ऐरी द्वारा जानकारी दी गई तत्पश्चात चयनित भूमि में पौधों का रोपण किया गया। इसके साथ ही संस्थान द्वारा चलाई जा रही ज्योली सिंलिंग ग्राम सभा में इको-स्मार्ट आदर्श ग्राम परियोजना के अन्तर्गत वृहद् वृक्षारोपण आयोजित किया गया

इस कार्यक्रम में चयनित ज्योलि सिंलिंग ग्राम क्लस्टर के अन्तर्गत लगभग एक हेक्टैयर भूमि में लगभग 400 पादपों (बांज, उतीस, सहतूत, तून, तेजपत्ता, इत्यादि) का रोपण किया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम पर सामाजिक आर्थिक विकास केन्द्र के प्रमुख डा. जी.सी.एस. नेगी द्वारा प्रतिभागियों को पौधों के पर्यावरणीय, सामाजिक एवं आर्थिक लाभ के विषय में जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर परियोजना की प्रधान अनवेषिका डा. पारोमिता घोष ने रोपित की गयी प्रजातियों के पारिस्थिकीय एवं पर्यावरणीय महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं इस कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डा. जोशी ने क्षेत्र में पर्यावरणीय समस्याओं से निवारण के लिए वृक्षारोपण के महत्व पर ग्रामीणों को जागरूक किया।

इस अवसर पर ज्योली सिंलिंग के ग्रामप्रधान श्री देव सिंह भोजक ने परियोजना के अन्तर्गत इस तरह के परियोजना कार्यो को सुचारू रूप से चलाने के लिए ग्रामीणों के सहयोग का आश्वासन दिया।
उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. जे.सी. कुनियाल, डा. विक्रम नेगी, डा. कपिल केसरवानी, प्रशासनिक विभाग, वित्त विभाग, शोधार्थी एवं संस्थान के कर्मचारीयों द्वारा वृक्षारोपण किया गया।

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