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अल्मोड़ा: 17 अप्रैल— अल्मोड़ा में कोरोना से लड़ने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपक्रम विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(vpkas) की ओर से पैडल चालित हैंडवाश (hand wash)मशीन का निर्माण किया गया है।
इस मशीन को अब लोगों की सुविधा के लिए नगर में विभिन्न स्थानों पर लगाया जाएगा।
संस्थान के इंजीनियर श्यामनाथ ,वैज्ञानिक शिव सिंह,दीनबंधु गाइन, धनी राम, और राहुल ने संस्थान के निदेशक डा.लक्ष्मीकांत और डा. जेएस बिष्ट के निर्देशन में इस मशीन को तैयार किया है।
इस मशीन का इस्तेमाल करने के लिए हाथों का सहारा लेने की जरूरत नहीं पड़ती संस्थान इसे हस्तमुक्त मशीन भी कह रहा है। संचालित करने वालों को मशीन के तल में लगाए गए दो पैडल दबाने पड़ेंगे जिसमें से एक से हैडवांश क्रीम और दूसरे से पानी निकलेगा।
केवल पैरों से ही यह मशीन संचालित होगी। वर्तमान में संस्थान ने चार मशीन बनाई हैं। जिसमें 500 लीटर का एक वाटर टैंक भी जोड़ा है। इसकी शुरूआती कीमत सात हजार बताई जा रही है।
एक बार में दो हजार लोग कर सकते हैं हैंडवाश(hand wash)
कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव को रोकने में भी यह यंत्र प्रभावी हो सकता है। इस यंत्र को ऐसे स्थान में लगाया जा सकता है जहाॅ पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों की संख्या ज्यादा है, जैसे अस्पताल, पब्लिक कार्यालय आदि।
इस यंत्र में तरल साबुन तथा पानी के लिए दो अलग-अलग पैडल लगे हुए है। इनको दबाने के लिए यात्रिंक व्यवस्था की गयी है जो पैडल को पैर से दबाने पर कार्य करती है।
इस यंत्र में आसानी से उपलब्ध ‘‘प्रेसमैटिक‘‘ पानी की टोंटी तथा पुनः भरे जा सकने वाले तरल साबुन का डिस्पैन्सर लगाया गया है। हाथ धोने के समय पानी की धारा को नियंत्रित करने के लिए स्टौपर भी लगाये गये है।
500 लीटर क्षमता तक की पानी की टंकी इसमें लगायी जा सकती है जिससे लगभग 2000 लोग अपने हाथो को सैनेटाईज कर सकते है। इस यंत्र का कुल वजन 20 किलोग्राम है।
स्थान ने चार मशीनें सौंपी पालिका और प्रशासन को(hand wash)
संस्थान द्वारा इस यंत्र की 4 यूनिट को जिला प्रशासन व नगरपालिका प्रशासन को सौपा गया।
इस दौरान जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने इस यंत्र के विकास हेतु संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह यंत्र स्वच्छता हेतु उपयोगी होने के साथ-साथ ही वर्तमान में व्याप्त वैश्विक समस्या कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने में भी काफी सीमा तक कारगर सिद्ध हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इस मशीन का उपयोग समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा इस वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने हेतु बनायी गयी यह मशीन कारगर साबित हो सकती है।
इस दौरान इस यंत्र की दो-दो यूनिट स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत नगरपालिका अल्मोड़ा एवं अल्मोड़ा स्थित सरकारी अस्पताल को प्रदान की गयी ताकि सफाई के साथ-साथ कोविड-19 के जोखिम को भी कम किया जा सके। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने संस्थान को बधाई दी और भेंट स्वरूप इस यंत्र को स्वीकारते हुए कहा कि यह नगरपालिका के लिए भी उपयोगी साबित होगा।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा0 लक्ष्मीकान्त ने इस यंत्र के बारे में पूर्ण जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस यंत्र का निर्माण इंजी0 श्यामनाथ, वैज्ञानिक शिव सिंह, दीनबन्धु गाइन, धनी राम और राहुल ने संस्थान के निदेशक, फसल उत्पादन विभाग के प्रभागाध्यक्ष डा0 जे0के0 बिष्ट तथा पी0आई0 डा0 शेर सिंह के मार्गदर्शन में किया गया।
इसके निर्माण के समय कोविड-19 के दिशा-निर्देशों एवं सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सविता हयांकी, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बेस डा0 एच0सी0 गडकोटी, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका गौरव पाण्डे, सफाई निरीक्षक लक्ष्मण सिंह आदि उपस्थित थे।
इन क्षेत्रों के लिए हो सकती है लाभदायक
अल्मोड़ा के वीपीकेएएस संस्थान द्वारा बनाई गई इस मशीन से सबसे अधिक फायदा यह है कि लोगों को इसमें हाथ नहीं लगाना पड़ता यह सार्वजनकि उपक्रमों, अस्पतालों, कार्यालयों, बारातघर, होटलों और ग्राम पंचायत के पंचायत घरों में आसानी से उपयोग की जा सकती हैं।
सरकारी कार्यालयों और बारात घरों में इसका उपयोग किया जाय तो संक्रमण की संभावनाओं को काफी कम किया जा सकता है। इसके अलावा विद्यालयों में भी इस मशीन का उपयोग किया जा सकता है। इस पैडल चालित मशीन की कीमत करीब 7 हजार रूपये बताई जा रही है।