Gurna primary school Pithoragarh: बंदी के कगार पर पहुंच‌ गया था यह प्राथमिक स्कूल, आज हैं 260 विद्यार्थी, पूरे देश के लिए बना नजीर

Gurna primary school Pithoragarh was on the verge of closure, today there are 260 students, an example for the whole country Gurna primary school Pithoragarh…

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Gurna primary school Pithoragarh was on the verge of closure, today there are 260 students, an example for the whole country

Gurna primary school Pithoragarh के प्रधानाध्यापक प्रयास से सात साल में यहां छात्र संख्या 20 गुना बढ़ी है। वर्ष 2016 में यहां सिर्फ 13 विद्यार्थी थे जबकि आज 260 विद्यार्थी हैं। स्कूल में नर्सरी और केजी की कक्षाएं भी चलती हैं। बच्चे नवोदय विद्यालय का कंपीटशन भी क्वालीफाई कर रहे हैं।

पिथौरागढ़, 17 अप्रैल 2023 पिथौरागढ़ जिले के राजकीय आदर्श प्राथमिक स्कूल गुरना (Gurna primary school Pithoragarh)की यह कहानी आपको उत्साह से भर सकती है।

Gurna primary school Pithoragarh
Subhas joshi Gurna primary school Pithoragarh


जो स्कूल 7 साल पहले मात्र 13 बच्चों के चलते बंद होने की कगार पर था वहां अब 260 से अधिक की छात्र संख्या हो गई है।


आपको भले ही कल्पना लगे लेकिन दूरदराज के बच्चों को सुलभता हो इसे देखते हुए विद्यालय के पास अपनी बस भी है।


बस सेवा के बाद पिथौरागढ़ के अलावा चम्पावत के बच्चे भी इस स्कूल में पढ़ने आ रहे हैं। विद्यालय में प्राइमरी के अलावा नर्सरी की कक्षाएं भी चलती हैं, एसएमसी के माध्यम से शिक्षकों की व्यवस्था भी की गई है।

Gurna primary school Pithoragarh
Gurna primary school Pithoragarh


यह सब हुआ है प्रधानाध्यापक सुभाष जोशी की इच्छाशक्ति ने जिसने सिद्ध कर दिया है कि सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों को पछाड़ सकते हैं।
Gurna primary school Pithoragarh के प्रधानाध्यापक प्रयास से सात साल में यहां छात्र संख्या 20 गुना बढ़ी है। वर्ष 2016 में यहां सिर्फ 13 विद्यार्थी थे जबकि आज 260 विद्यार्थी हैं। स्कूल में नर्सरी और केजी की कक्षाएं भी चलती हैं। बच्चे नवोदय विद्यालय का कंपीटशन भी क्वालीफाई कर रहे हैं।

मात्र 7 साल में हुआ है Gurna primary school Pithoragarh का यह कायाकल्प

बताते चलें कि पिथौरागढ़ के आदर्श प्राथमिक विद्यालय गुरना में वर्ष 2015-16 में मात्र 13 बच्चे पढ़ते थे। छात्र संख्या 10 से कम होने पर स्कूल के बंद होने की आशंका थी। इस वक्त प्राथमिक पाठशाला डुबकिया से स्थानांतरित होकर आए प्रधानाध्यापक सुभाष जोशी ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर जो प्रयास किए वह आज एक शिक्षा का विशाल वटवृक्ष बन गया है।
सुभाष जोशी के कार्यकाल के पहले ही सत्र 2016-17 में छात्र संख्या 13 से बढ़कर 128 पहुंच गई। तत्कालीन उप शिक्षा अधिकारी गणेश सिंह ज्याला ने भी अपने दो बच्चों का यहां एडमिशन करा दिया।
स्कूल के बच्चे स्मार्ट कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करते हैं। प्रधानाध्यापक सुभाष जोशी सहित यहां तीन शिक्षक हैं। एसएमसी के माध्यम से 10 शिक्षक तैनात हैं। इस बार छात्र संख्या 260 पहुंच गई है। 180 बच्चे पहली से पांचवीं तक जबकि 80 बच्चे नर्सरी में हैं। इस शिक्षा सत्र में अब तक पहली में 40, दो में दो, तीसरी, चौथी और पांचवीं में एक-एक बच्चे का प्रवेश हुआ है। नर्सरी में 32 बच्चों ने प्रवेश लिया है। स्कूल की दो बस भी संचालित होती हैं। इस साल से एक बस और चलाई जाएगी। सुभाष जोशी की पत्नी रेखा जोशी भी इसी विद्यालय में निशुल्क शिक्षण कार्य करा रही हैं। विद्यालय के पास दो बसें हैं इस बार एक अन्य बस लगाने की तैयारी है। स्मार्ट कक्षाएं, सीसीटीवी कैमरे, अंग्रेजी माध्यम, एसी कक्षा कक्ष विद्यालय की खासियत है। छुट्टी के दिन भी शिक्षक सुभाष जोशी ने बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की है उसका लाभ अब विद्यालय को मिल रहा है।