Almora-पर्यावरण संस्थान में वन्य मौन पालन पर हरित कौशल विकास कार्यक्रम शुरू

अल्मोड़ा, 01 फरवरी 2022— गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान के इनविस केंद्र द्वारा पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय भारत…

Green skill development program started on forest conservation in Environment Institute

अल्मोड़ा, 01 फरवरी 2022— गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान के इनविस केंद्र द्वारा पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में हरित कौशल विकास कार्यक्रम की शुरूआत हो गई है।

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इस 10 दिवसीय कार्यक्रम में इस बार वन्य मौन पालन और प्रसंस्करण प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोविंड संक्रमण के बीच इस बार यह कार्यक्रम ऑनलाईन शुरू करना पड़ा। 1 फरवरी से 11 फरवरी 2022 के बीच ऑन लाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजकीय मौन पालन केन्द ज्योलीकोट नैनीताल के निदेशक डॉ. एचसी तिवारी, जीबी पंत संस्थान के निदेशक ई0 किरीट कुमार,पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रो. प्रमोद मल्ल द्वारा किया गया।

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इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्पर्धा अल्मोड़ा के दीपक बिष्ट एवं कनेली हवालबाग के कृषक मनोज उपाध्याय द्वारा अपने मौन पालन के अनुभवों को साझा किया गया। दीपक बिष्ट द्वारा अल्मोड़ा में उनके द्वारा स्थापित शहद एवं मौन बक्सों की फैक्ट्री के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय मौन पालको को अपने स्तर पर मौन पालन हेतु तकनीकी मार्गदर्शन कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि डॉ0 एच0सी0 तिवारी द्वारा बताया गया कि वन्य मौन पालन एंव प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण समुदायों के आजीविका संर्वधन के साथ—साथ जैव विविधता संरक्षण हेतु एक प्रमुख भूमिका तय करेगा।

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इस कार्यक्रम के अंतर्गत वनों से प्राप्त होने वाले अकाष्ठीय जैव संसाधन उत्पादों एवं उनके मूल्य संर्वधन द्वारा आजीविका के सषक्त विकल्पों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
संस्थान के निदेशक ई0 किरीट कुमार ने कहा कि ‘इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से हम क्षेत्र के युवाओं को स्वरोजगार के प्रति जागरूक करें ताकि उनके कौशल विकास से जीवनयापन के नये आयाम देने का प्रयास कर रहे हैं।’


प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक तथा इनविस केंद्र के प्रभारी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ॰ गिरीश नेगी द्वारा स्लाइड शो के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 1 दर्जन से भी अधिक विषय विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे तथा बाद में 3—4 दिनों हेतु उक्त प्रशिक्षणार्थियों को क्रमशः बुलाकर संस्थान में मौन बक्सों का वास्तवित प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के दस जिलों से चयनित 30 प्रशिक्षणार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। जो कि प्रशिक्षण के उपरान्त अपने ग्राम एवं जनपद मेें स्वरोजगार मे अपना योगदान देंगें। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकए इनविस केंद्र के डॉ॰ महेशानंद, डॉ0 रविन्द्र जोशी, कमल किशोर, हिमांशु बरगली, विजय सिंह बिष्ट और संस्थान के शोधार्थी एवं संस्थान के कर्मचारी उपस्थित रहे।