उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की भव्य तैयारियां: ट्रैफिक प्लान, होल्डिंग एरिया, सुरक्षा व्यवस्था और आपदा प्रबंधन पर विशेष फोकस

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार सरकार ने यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए विशेष…

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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार सरकार ने यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। पिछली यात्राओं के दौरान भीड़ बढ़ने से यात्रा व्यवस्था चरमरा गई थी, जिससे सीख लेते हुए प्रशासन ने इस बार ट्रैफिक प्लान और होल्डिंग एरिया पर विशेष ध्यान दिया है। यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण मार्गों पर जाम लगने की समस्या को रोकने के लिए कई स्तरों पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। प्रशासन रजिस्ट्रेशन की सख्त मॉनिटरिंग कर रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रियों की यात्रा का तरीका (बस, टैक्सी या निजी वाहन) भी दर्ज हो। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि यात्रा के लिए कौन से मार्गों पर अधिक दबाव रहेगा और यातायात को किस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए।

यात्रा के दौरान भीड़ अधिक होने पर श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया में रोका जाएगा, जिनकी पहचान पहले से कर ली गई है। बदरीनाथ और केदारनाथ यात्रा मार्गों पर ऋषिकेश, हरिद्वार, व्यासी, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग जैसे स्थानों पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों पर भी ऐसे इंतजाम किए गए हैं। इन होल्डिंग एरिया में यात्रियों को रुकने और भोजन की सुविधाएं दी जाएंगी। खराब मौसम या लैंडस्लाइड जैसी परिस्थितियों में भी इनका उपयोग किया जाएगा ताकि यात्रा के दौरान अव्यवस्था न फैले।

यात्रा मार्ग की सुरक्षा और यातायात को व्यवस्थित रखने के लिए प्रशासन ने पूरे चारधाम मार्ग को 10-10 किलोमीटर के सेक्टरों में विभाजित किया है। प्रत्येक सेक्टर में मोबाइल पुलिस टीमें तैनात रहेंगी, जो किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करेंगी। अगर किसी क्षेत्र में जाम या कोई अन्य परेशानी होती है, तो यह टीमें स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर आवश्यक कार्रवाई करेंगी।

चारधाम यात्रा की तैयारियों को परखने के लिए 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह ड्रिल भारत सरकार की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सुपरविजन में होगी, जिसमें सभी संबंधित विभाग शामिल रहेंगे। मॉक ड्रिल के दौरान ट्रैफिक जाम, मार्ग अवरोध और अन्य संभावित समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया को परखा जाएगा। इसके आधार पर यात्रा मार्गों पर मौजूद व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी और किसी भी खामी को दूर किया जाएगा।

आपदा प्रबंधन सचिव ने स्पष्ट किया है कि इस बार चारधाम यात्रा को पहले से अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। लैंडस्लाइड की आशंका वाले स्थानों पर पहले से मशीनें और कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, ताकि अगर रास्ता बाधित होता है तो उसे तुरंत खोला जा सके। सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे पिछली गलतियों को न दोहराएं और यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तैयारी रखें।