प्लास्टिक से तैयार ग्राफीन बनाने की तकनीक लैब से बाहर निकल आएगी समाज के काम, पर्यावरण संस्थान,हेसक्राप व एनआरटीसी के मध्य हुआ तकनीकी हस्तांतरण

प्लास्टिक से तैयार ग्राफीन बनाने की तकनीक लैब से बाहर निकल आएगी समाज के काम, पर्यावरण संस्थान,हेसक्राप व एनआरटीसी के मध्य हुआ तकनीकी हस्तांतरण

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डेस्क:- कुमाऊं विवि नैनीताल के रसायन विज्ञान विभाग के अधीन संचालित नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर में शोध के जरिए तैयार की गई प्लास्टिक से ग्राफीन बनाने की तकनीक अब प्रयोगशाला से बाहर निकल जनता के काम आएगी|

इस तकनीक का हस्तांतरण के लिए विश्वद्यालय के राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास परिषद (एनआरटीसी) नई दिल्ली, एनएमएचएस कोसी कटारमल अल्मोड़ा तथा हेसक्रॉप प्राइवेट लिमिटेड के बीच करार किया गया। इसके लिए ढाई करोड़ रुपये की धनराशि भी राशि कर दी गई है।

विवि के रसायन विज्ञान विभाग के तहत स्थापित प्रो. राजेंद्र सिंह नैनोसाइंस एवं नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर के प्रभारी वरिष्ठ प्रो. नंद गोपाल साहू के निर्देशन में शोधार्थियों ने एक विशेष तकनीक विकसित की है। इसमें व्यर्थ प्लास्टिक से कार्बन के महत्वपूर्ण अपरूप सरल तथा सस्ती पद्धति से ग्राफीन बनाई जा रही है।

विवि में कुलपति प्रो. केएस राणा की अध्यक्षता में इस तकनीक का हस्तांतरण किया गया। इस तकनीक के हस्तांतरण के बाद व्यर्थ प्लास्टिक कचरे से बहुमूल्य ग्राफीन का उत्पादन किया जा सकेगा। वहीं इससे पर्यावरण के संरक्षण तथा प्लास्टिक कचरे से निजात मिलेगी|
बताते चलें कि ग्राफीन कार्बन का अपरूप है जो 21वीं सदी का बहुपयोगी पदार्थ है। जिसका उपयोग उर्जा के क्षेत्र में सोलर सैल, फ्यूल सैल, बैटरी, सुपर कैपिस्टर व दवाई तथा जल शुद्धिकरण समेत अन्य क्षेत्रों में किया जाता है। जानकारी के मुताबिक सौ किलोग्राम प्लास्टिक से करीब 12 किलो ग्राफीन तैयार किया जा सकता है। जिसकी कीमत 40 हजार से एक लाख रुपये प्रति किलो होगी।
इस दौरान शोधार्थियों की टीम के मनोज, मयंक पाठक, अनीता राणा, हिमानी तिवारी, गौरव, नेहा कार्की, चेतना तिवारी, मोनिका, भास्कर बोरा, सुनील, राजेंद्र कुमार, दीवान सिंह, संदीप आदि थे |
इस दौरान शोधार्थियों ने कुलपति प्रो. राणा से नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर में बेहतर लैब बनाने की मांग की|

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नैनीताल शहर को कूड़े से मुक्त करने की भी पहल भी होगी


बताया गया कि यहां एकत्रित कूड़े से डीजल, कैरोसीन व एलपीजी गैस बनाई जाएगी। साढ़े तीन करोड़ की राशि से नैनीताल के नारायण नगर क्षेत्र में प्लांट बनाने की प्रक्रिया की जा रही है।

पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा राष्ट्रीय हिमालय अध्ययन मिशन की ओर से अमृतम प्रोजेक्ट के तहत कुविवि के नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर व नगर पालिका परिषद के संयुक्त प्रोजेक्ट बनाया गया है।
कार्यक्रम में कुलपति प्रो. केएस राणा, वित्त अधिकारी दिनेश राणा, उप कुल सचिव केआर भट्ट, रूसा के नोडल अधिकारी प्रो. अतुल जोशी, रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. एबी मेलकानी, एनआरडीसी के प्रबंध संचालक एच पुरूषोतम, एनआरडीसी के चीफ डीसी जोशी, अश्विनी कुमार, आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. राजीव उपाध्याय, एनएमएचएस के नोडल अधिकारी कीरित कुमार, डॉ. महेंद्र राणा, कोली साहू, हेसक्रॉप कंपनी के मारूति साह, अक्षत साह, एई संजय पंत, विधान चौधरी आदि मौजूद थे|