UPPSC RO/ARO : आरओ/एआरओ परीक्षा को लेकर सरकार का आया नया फैसला मांगे साक्ष्य

UPPSC RO/ARO re exam:उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कि किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन किए गए थे और…

Screenshot 20240302 121115 Chrome

UPPSC RO/ARO re exam:उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कि किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन किए गए थे और परीक्षा में 7 लाख परीक्षार्थी बैठे थे। प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पेपर लीक विवाद को लेकर अब परीक्षा में शामिल 7 लाख लोगों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।

समीक्षा अधिकारी आरओ, सहायक समीक्षा अधिकारी एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर काफी विवाद चल रहा है और अब उत्तर प्रदेश शासन इस पर काफी बड़े स्तर पर जांच भी कर रहा है। शासन ने अभ्यर्थियों से पेपर लीक से जुड़े साक्ष्य मांगे हैं। परीक्षा को लेकर एक हफ्ते में निर्णय लिया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर आयोग ने अभ्यर्थियों से 2 मार्च तक साक्ष्य देने के लिए कहा है। साथ ही आयोग ने तीन सदस्य आंतरिक कमेटी को इस मामले की जांच में लगा दिया है।

आयोग ने शासन को एसटीएफ जांच की संस्तुति भी भेजी थी। 11 फरवरी को हुई आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।आयोग की किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन किए गए थे। इसमें 7 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किए थे लेकिन अब इन 7 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है।

प्रदेश की सबसे विश्वसनीय भर्ती संस्था की परीक्षा के दौरान पेपर लीक मामले के आने के बाद शासन को इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि वायरल हुए प्रश्न पत्र के वैकल्पिक उत्तरों में भले ही सभी प्रश्नों के उत्तर सही ना रहे हो लेकिन काफी संख्या में उत्तर सही भी थे। ऐसे में परीक्षा से पहले पेपर वायरल होने के आरोपी को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता है।

अभ्यर्थी या सवाल भी कर रहे हैं कि जब पेपर वायरल के मामले में पुलिस भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने का निर्णय लेने में देर नहीं हुई तो आरओ/एआरओ परीक्षा पर निर्णय लेने में देर क्यों रही है। जबकि, दोनों ही परीक्षा में पेपर वायरल होने की घटनाएं लगभग एक जैसी हैं। अभ्यर्थी परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं ऐसे में आयोग के साथ शासन पर भी पूरी जांच करने का दबाव है।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अभिलेख प्रस्तुत न करने पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो चयनितों का अभ्यर्थी निरस्त कर दिया है। आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर डेंटिस्ट्री के तीन पदाें पर सीधी भर्ती का परिणाम 12 अप्रैल 2023 को घोषित किया था।