उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार ने आईटीआई के छात्रों को दिया तोहफा! अब देनी होगी चार गुना से अधिक फीस, कैबिनेट की बैठक में फैसले पर लगी मुहर

उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार ने आईटीआई के छात्रों को दिया तोहफा! अब देनी होगी चार गुना से अधिक फीस, कैबिनेट की बैठक में फैसले पर लगी मुहर

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में अपने पाल्यों को आईटीआई कराने के इच्छुक अभिभावकों को अब अच्छी खासी रकम खर्च होनी होगी। सरकार ने आईटीआई की फीस में पहले से चार गुना अधिक वृद्धि कर दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी।
पंचायत चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद बुधवार को यहां जीबी पंत हिमालय पर्यावरण सतत् विकास संस्थान कोसी कटारमल में हुई पहली कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिये गये। सरकार ने आईटीआई की फीस में चार गुना अधिक वृद्धि कर दी है प्रदेश सरकार के इस निर्णय के बाद प्रदेशभर में आईटीआई करने के इच्छुक छात्रों को बड़ा झटका लगा है। वर्तमान में प्रदेशभर में 150 से अधिक ​आईटीआई संस्थान है। जहां हजारों छात्र तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रह है।

दरअसल अभी तक आईटीआई में एडमिशन लेने वाले वाले छात्र—छात्रा को माह में 40 रूपये के दर से साल में कुल 450 रुपये की फीस जमा करनी होती थी। 225 की दर से छह—छह माह में छात्र—छात्रा को यह फीस जमा करनी होती थी। इसके अलावा 325 रुपये परीक्षा शुल्क जमा करना होता था। हालांकि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र—छात्रा से फीस नहीं ली जाती थी। लेकिन सरकार ने अब इस फीस में चार गुना से अधिक वृद्धि कर दी है। अब आईटीआई करने के इच्छुक छात्रा को सभी शुल्क लगाकर साल में 3900 रुपये की फीस जमा करनी होगी। कैबिनेट बैठक के बाद ​हुई ​ब्रीफिंग में शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि छात्र—छात्रा से कुल 3900 रुपये की वार्षिक फीस ली जाएगी जिसमें 200 रुपये प्रवेश शुल्क, 1000 रुपये प्रशिक्षण शुल्क, 50 रुपये परिचय शुल्क, 150 रुपये प्रशासनिक वैल्फेयर शुल्क, 400 रुपये भवन मरम्मत शुल्क, 300 रुपये जल विद्युत शुल्क, 400 रुपये प्रशिक्षण व​ नियोजन शुल्क, 100 रुपये पुस्तकालय शुल्क 1000 रुपये कम्प्यूटर शुल्क के तौर पर लिया जाएगा।

सरकार के इस फैसले के बाद आर्थिक रूप से कमजोर छात्र—छात्राओं के हाथ काफी निराशा लगी है। आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश युवक व युवतियां 12वीं के बाद तकनीकी शिक्षा लेने के लिए आईटीआई में दाखिला लेते थे लेकिन प्रदेश सरकार के इस कदम के बाद निचले तबके के युवक—युवतियों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि सरकार इस फैसले के पीछे आईटीआई में लंबे समय से फीस वृद्धि नहीं होने तथा आईटीआई संस्थानों की स्थिति सुधारने तथा संस्थानों को और अधिक मजबूत बनाने का हवाला दे रही है। आईटीआई में फीस से मुक्त रखे गये एससी—एसटी वर्ग के छात्र—छात्राओं को नये नियम के बाद फीस जमा करनी होगी या नहीं, इसकी स्थिति भी बैठक में साफ नहीं हो पाई।