उत्तराखंड में बिल्डरों पर सरकार ने की मेहरबानी, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून। उत्तराखंड सरकार बिल्डरों और कॉलोनाइजरों पर मेहरबान हुई है जिसके अनुसार अब विल्डरों को कॉलोनी डेवलप करने पर स्थायी गरीबों के लिए आवास बनाने…

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार बिल्डरों और कॉलोनाइजरों पर मेहरबान हुई है जिसके अनुसार अब विल्डरों को कॉलोनी डेवलप करने पर स्थायी गरीबों के लिए आवास बनाने के लिए 15 फीसद जमीन बंधन नहीं रखनी होगी। सोमवार को आयोजित उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में इसके लिए उत्तराखंड आवास नीति (संशोधन) नियमावली, 2022 को मंजूरी दे दी गई है। संशोधित नीति में भुगतान के चरणों में वृद्धि करते किफायती आवास के लाभार्थी को लाभ देने का प्राविधान किया जा रहा है।

असल में उत्तराखंड में आवास निर्माण के संबंध में कोई नीति न होने के कारण 2017 में उत्तराखंड आवास नीति लाई गई थी। इस नीति में उत्तराखण्ड राज्य में निवास करने योग्य सुरक्षित तथा आवास एवं उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ विभिन्न आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक सुविधाओं की सम्भावनाओं को विकसित करने के साथ नियोजित विकास अवस्थापना सुविधाओं के प्राविधान तथा न्यायसंगत भूमि अर्जन भूउपयोग का व्यवहारिक उपयोग एवं कामगार समाज के प्रत्येक वर्ग हेतु आवासों को किफायती बनाया जाना इस नीति का उद्देश्य था।

इस नीति में बिल्डर डेवलपर द्वारा 15 प्रतिशत भूमि बंधक रखे जाने का प्राविधान था मगर सरकार का मानना है कि भूमि बंधक रखे जाने से डेवलपर की परियोजना भी बाधित हो रही थी और भूमि का महत्तम उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसे के साथ कैबिनेट ने नियोजित विकास की प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने के लिए स्थानीय क्षेत्रीय योजना तथा नगर नियोजन योजना के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 में संशोधनों को मंजूरी दे दी है।