पहाड़ के गिलोय (Gilloy)की मांग देशभर में बड़ी,हवालबाग के महिला समूहों ने बेची 2लाख की गिलोय चाय

Gilloy

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Demand for Gilloy of the mountain is big all over the country, women groups of Hawalbag sold 2 lakh Giloy tea

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अल्मोड़ा,02 अगस्त 2020-पहाड़ में होने वाले औषधियां इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में प्रसिद्ध होने लगी हैं.यहां बहुतायत में होने वाले गिलोय(Gilloy) और तुलसी की मांग पूरे देशभर में हो रही है.

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माना जा रहा है कि गिलोय(Gilloy) और तुलसी की चाय की इंयूनिटी पावर को बढ़ाता है. अल्मोड़ा के हवालबाग में महिलाओं ने पिछले दो माह में दो लाख की हर्बल टी बेच दी है.

इस चाय की मांग अल्मोड़ा तक ही नही देश के कई राज्यों से आ रही है. जिससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. अब समूह की सारी महिलाएं इससे उत्साहित हैं.

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आजीविका परियोजना की मदद से हवालबाग में हर्बल टी यूनिट लगाई है जिसमें गांव की महिलायें ही हर्बल टी को गांवों से लाकर पैकिंग करती है.


पिछले दो महीने में ही इंम्यूनिटी बुस्टर के रुप में गिलोय और तुलसी की तेजी से मांग बढ़ी है. दिल्ली, मुम्बई सहित कई महानगरों से चाय की डिमांड आ रही है. इस चाय शैसे में गिलोय व तुलसी के अलावा जिंजर पाउडर सहित अन्य उत्पाद भी है.

चाय की मांग बढ़ने से महिलायें भी खुश है उन्हें उनके घर में ही रोजगार मिल जा रहा है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सिर्फ 5 ही महिलाओं का ग्रुप पैंकिग के लिए यूनिट में आ रहे है. चाय की मांग बढ़ने से महिलायें भी खुश है.

विकास आजीविका के समन्वयक दिनेश पंत का कहना है कि अल्मोड़ा के अलावा विभिन्न बड़े शहरों से गिलोय(Gilloy) व तुलसी चाय की मांग आ रही है इससे समूहों से जुड़ी सभी महिलाएं उत्साहित है. उन्होंने कहा कि पिछले चार महिनों में हर्बल टी की मांग लगातार बढ़ रही है और उनकी सहकारिता लगभग दो लाख रूपये की गिलोय तुलसी की हर्बव चाय की आपूर्ति कर चुकी है.

हर्बल टी यूनिट में काम करने वाली मंजू बिष्ट व प्रेमा मेहता ने बताया कि चाय की मांग बढ़ने से महिलायें भी खुश है क्योंकि उन्हें उनके घर में ही रोजगार मिल जा रहा है. उन्होनें कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी सिर्फ 5 ही महिलाओं का ग्रुप पैंकिग के लिए यूनिट में आ रहे है. चाय की मांग बढ़ने से महिलायें भी खुश है. और उम्मीद करती है कि यह मांग इसी तरह बढ़ती रहेगी.

यहां यह बताना भी जरूरी है कि पहाड़ में बहुतायत होने वाला गिलोय आयूर्वेद के जानकारों में भले ही प्रसिद्ध हो पर आम जन के बीच यह कोरोना काँल से ही जाना जा रहा है. पहाड़ में गुर्च के नाम से जाना जाने वाला गिलोय (Gilloy)पशुओं के आहार के रूप में इस्तेमाल होता रहा है. तुलसी एक सीमित दायरे व पूजा अर्चना के रूप में अधिक प्रचलित रही.लेकिन आज ये दोनों ही दवा,औषधि या इम्यून बूस्टर के रूप में लोक प्रिय हो रहे हैं.

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