बड़ी खबर: गैरसैंण (Gairsain) उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित

बजट पढ़ने के बाद सीएम ने गैरसैंण (Gairsain) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की यहां देखें संबंधित वीडियो चमोली(गैरसैंण) (Gairsain)। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह…

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बजट पढ़ने के बाद सीएम ने गैरसैंण (Gairsain) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की

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चमोली(गैरसैंण) (Gairsain)। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बजट सत्र में राज्य के लिए एक बड़ी घोषणा कर जनसमर्थन हासिल करने की कोशिश की है।

आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020—21 का बजट पढ़ने के बाद सीएम ने गैरसैंण (Gairsain) को उत्तराखंड की ​ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां के लोगों द्वारा गैरसैंण (Gairsain) को प्रदेश की स्थायी राजधानी घोषित किए जाने की मांग की जाती रही है। इधर विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी पिछले तीन साल से सूबे की भाजपा सरकार पर गैरसैंण पर फैसला लिए जाने का दबाव बना रही थी।

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आखिरकार आज टीएसआर सरकार ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए गैरसैंण (Gairsain) को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। दरअसल भाजपा ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणापत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का वायदा किया था। जिसे आज पूरा कर दिया।

उत्तराखंड बनने के बाद पिछले 20 सालों से लगातार यहां की जनता गैरसैंण (Gairsain) को स्थायी राजधानी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है। राज्य बनने के बाद बारी—बारी से सत्ता में आई भाजपा व कांंग्रेस की सरकार चुनाव जीतने के लिए गैरसैंण (Gairsain) को स्थायी राजधानी बनाने का लालीपॉप देती रही। 20 सालों में किसी भी सरकार ने इसपर निर्णय ​नहीं लिया।
आखिरकार आज टीएसआर सरकार अपने वायदे पर एक कदम आगे बढ़ी और गैरसैंण (Gairsain) पर एक बड़ा फैसला लिया।

इधर वरिष्ठ आंदोलनकारी व उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने सरकार के इस कदम को जनता के दबाव का असर बताते हुए कहा कि जब तक सरकार गैरसैंण (Gairsain) को स्थायी राजधानी नहीं बनाती है तब तक जनता की वाजिफ मांग पूरी नहीं होगी। कहा कि शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन राजधानी जैसे नाम स्थायी राजधानी के साथ अन्याय है और यह केवल सरकारों के सैरसपाठों के लिए बनाया गया है। उन्होंने अविलंब गैरसैंण (Gairsain) को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग की।