सुभाष जुकरिया। पाटी तहशील के अनेक गांव में कूडेदान बनाये गये हैं जिनको बनाने का मुख्य मकसद यही था कि जो कूडा इधर उधर फेंका जाता है वह एक जगह इक्टठा किया जा सके जिस कारण सफाई भी रहेगी लेकिन इसका उल्टा ही देखने में आ रहा है। कूडेदान में कूडा डाला जा रहा है पर उसको उठाने या प्रकिया करने की ब्यवस्था नहीं है जिस कारण कूडेदान भरते जा रहे हैं। उठाने या दूसरी जगह फेंकने की ब्यवस्था न होने के कारण कूडा इन कूडेदान में ही सडने लगता है जिस कारण क्षेत्र में दुर्गंध फैल जा रही है। कई कूडेदान में तो कूडा पूरा भर जाने पर वह बाहर भी गिरने लग जाता है। आवारा जानवर और कुत्ते इसको खाते दिख जाते हैं व मुख्य रास्तों में फैला देते हैं। लोग के लिए इन कूडेदान का फायदा यह हो रहा है घर में जो भी यूज करने लायक सामन ना हो कूडेदान में डाल दे रहे हैं जिसमें कुछ कांच की बोतलें भी हैं। गावों में कूडेदान बनाये गये हैं तो कूडे के निस्तारण के बारे में ग्राम पंचायत स्तर पर कुछ ऐसी ब्यवस्था होनी चाहिऐ थी कि हर दिन कूडेदान में से कूडा उठाया जा सके नहीं तो आने वाले समय में गावों की शुद्ध हवा भी कूडेदान से उठने बाली बदबू से दुषित हो जायेगी।
समस्या- कूडेदान फैला रहे हैं दुर्गंध, पर्यावरण और हो रहा दूषित
सुभाष जुकरिया। पाटी तहशील के अनेक गांव में कूडेदान बनाये गये हैं जिनको बनाने का मुख्य मकसद यही था कि जो कूडा इधर उधर फेंका…