कोरोना से गांव में लोगों का था हाल बेहाल, लोगों की मदद को सामने आए भूत

27 मई 2021 ग्रामीण इलाकों में कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने की दिशा में एक पहल कोरोना भूत (Corona bhoot) हिमांचल प्रदेश के कांगड़ा में…

corona bhoot

27 मई 2021


ग्रामीण इलाकों में कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने की दिशा में एक पहल कोरोना भूत (Corona bhoot)
हिमांचल प्रदेश के कांगड़ा में देखने को मिली है। देशभर में कोरोना (Corona) संक्रमण से बचाव के लिये राज्य और केंद्र सरकारें प्रयासरत है। जागरूकता अभियान के जरिये लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है और इसे लेकर कई प्रशासनिक अधिकारियों ने इन चुनौतियों का रचनात्मक हल निकाला है।

हिमांचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ग्रामीण इलाके काफी प्रभावित रहे है। और इसके बाद गांव-गांव में जागरूकता गांवों का सुचारू रूप से सैनेटाइजेशन करना और कोरोना के लक्षण सामने आने पर ग्रामीणों की टेस्टिंग और इलाज जैसे विषयों पर लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी हो गया और संक्रमितों के इलाज जैसे काम इलाके के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए खासी चुनौती पैदा करने वाले साबित हुए है। लेकिन एक अधिकारी ने अपनी रचनात्मता से इसे सरल बना दिया।

कोरोना भूत (Corona bhoot) चला रहा जागरूकता अभियान

हिमांचल प्रदेश का कांगड़ा जिला कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ‘कोरोना भूत’ को लेकर चर्चाओ में है। जिला प्रशासन की ओर से कांगड़ा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जिले के गांव-गांव में जाकर जागरूकता अभियान इलाके में “कोरोना भूत” फैला रहा है।

यही कोरोना भूत (Corona bhoot) गांव-गांव जाकर लोगों को कोविड से बचने का संदेश दे रहा है। कोरोना भूत कोई और नहीं बल्कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कलाकार हैं। ये कलाकार बहरूपियों के वेष में बीते कई दिनों से जिला कांगड़ा के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। जिला प्रशासन की इस अभिनव पहल का लोगों ने स्वागत किया है।

इस अधिकारी के दिमाग की उपज है कोरोना भूत

कांगड़ा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना भूत के जरिए जागरूकता फैलाने का विचार जिला उपायुक्त राकेश प्रजापति के दिमाग की उपज है। प्रजापति बताते हैं कि इस पहल के बाद जिले में कोरोना संक्रमण के मामले पहले से काफी कम हुए हैं।

जाहिर है कि जिले में जागरूकता अभियान के नतीजे मिलने शुरू हो गए हैं, लेकिन राकेश प्रजापति का मानना है कि लोगों को अभी भी कोविड से बचने के लिए प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।

राकेश प्रजापति आगे जोड़ते हुए बताते हैं कि कांगड़ा जिला में अर्बन एरिया 10 से 15 प्रतिशत है। इन इलाकों में पॉजिटिविटी रेट काफी नीचे आ गई है, लेकिन पंचायती इलाकों में कोरोना वेव अभी भी चली हुई है।

ऐसे में बेहद जरूरी था कि बेहद इनोवेटिव तरीके से पंचायत के लोगों तक पहुंचे और उनको मास्क लगाने, हैंड हाइजीन व सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में उनकी भाषा में यानि लोकल डायलेक्ट में उनके साथ संवाद करें।

इसी कार्यक्रम को हमनें आगे बढ़ाया है। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक रिलेशन (डीपीआर) के लोग हैं, इस काम को बखूबी पिछले एक हफ्ते से पूरे जिले में कर रहे हैं।

यह संदेश दे रहा ‘कोरोना भूत’

कोरोना भूत ग्रामीण इलाकों में लोगों से बार-बार कोरोना से बचाव के लिए जारी किए गए निर्देशों का पालन करने की अपील कर रहा है।

इलाके में घूम-घूम कर कोरोना भूत लोगों से अपील कर रहा है कि वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथ धोएं, बार-बार अपने चेहरे को न छुएं और सेनेटाइजर का प्रयोग करें। ऐसी सावधानियों को बरतते हुए इस संक्रमण से बचा जा सकता है।

कोरोना भूत लोगों से बिना वजह अपने घर से न निकलने और कोरोना कर्फ्यू का पूर्ण रूप से पालन करने, कोरोना कर्फ्यू में ढील के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क लगाकर रखने की अपील कर रहा है।

प्रशासन ग्रामीणों से लगातार खांसी, बुखार, जुकाम आदि होने की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में तुरंत जांच कराने की अपील भी कर रहा है, ताकि प्रारम्भिक स्तर पर ही संक्रमण का पता लगाया जा सके और उसका समय पर उपचार संभव हो पाए।

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