दिल्ली में नकली दवाओं का कारोबार करने वाले गिरोह का  पर्दाफाश, सात लोग हुए अरेस्ट

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे गिरोह को आज दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है जिसके बारे…

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कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे गिरोह को आज दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

आपको बता दे कि यह गिरोह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे थे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने ऐसे सात लोगों को गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर नकली कैंसर कीमोथेरेपी दवाएं बेच रहे थे।

स्पेशल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस शालिनी सिंह ने बताया कि नकली कैंसर की दावों के निर्माण और आपूर्ति में शामिल गिरोह के बारे में सूचना मिली थी जिसके बाद एक टीम गठित की गई और मोती नगर के दो ठिकानों गुरुग्राम के साउथ सिटी में एक फ्लैट यमुना विहार में एक फ्लैट और दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल में छापेमारी की गई।

ये सात लोग हुए गिरफ्तार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में विपुल जैन (46), सुराज शेट्टी (28), नीरज चौहान (38), परवेज (33), कोमल तिवारी (39), अभिनय कोहली (30) और तुषार चौहान (28) शामिल हैं, जो नकली दवाएं बेचकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते थे

छापेमारी में क्या मिला?
मोती नगर में छापेमारी के दौरान नकली दवाई बनाने का मुख्य ठिकाना पाया गया। यहीं से सूरज शेट्टी की गिरफ्तारी की गई और 140 भरी हुई नकली शीशियां पैकेजिंग का सामान दवा बनाने के मशीन ने बरामद की गई। वही गुरुग्राम फ्लैट से 137 भरी हुई शीशियां 519 खाली शीशियां बरामद की गई यहां से पकड़े गए नीरज चौहान के चचेरे भाई तुषार चौहान को भी गिरफ्तार किया गया।

अस्पताल से 2 लोग गिरफ्तार
यमुना विहार से पुलिस ने प्रवेश को गिरफ्तार किया जो खाली शीशियां  का इंतजाम करता था और भरी हुई शीशियां  की आपूर्ति में भी शामिल था। उसके पास 20 खाली शीशियां  बरामद हुई।चौथी छापेमारी कैंसर अस्पताल में की गई जहां दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह दोनों अस्पताल की दवा मिक्सिंग यूनिट में काम करती थी और ₹5000 प्रति शीशी के हिसाब से खाली शीशियां मुहैया कराते थे।

अस्पतालों में काम कर चुके हैं कई आरोपी
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वह पहले भी अस्पतालों में काम कर चुके हैं। इनमें से एक आरोपी नीरज चौहान पहले  ऑन्कोलॉजी विभाग में मैनेजर था, जिसने सस्ती दरों पर नकली कीमोथेरेपी इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए मुख्य आरोपी से हाथ मिलाया। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से कैंसर मरीजों को नकली दवाओं से होने वाले खतरे को टाला जा सका है। फिलहाल मामले की आगे की जांच जारी है।