भू कानून में बदलाव रद्द करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारी समिति ने सीएम को भेजा ज्ञापन
पिथौरागढ़। राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित करने, राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और भू-कानून में बदलाव को तत्काल निरस्त करने सहित विभिन्न मांगों को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति उत्तराखंड ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
समिति के जिलाध्यक्ष जगत सिंह मेहता के नेतृत्व में बुधवार को समिति सदस्यों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर कहा राज्य बनने के 18 सालों बाद भी अब तक की सरकारें पलायन, बेरोजगारी व शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे मुद्दों के प्रति उदासीन बनी हुई हैं। यह विडंबना है कि राज्य की गैरसैंण, स्थायी राजधानी अब तक घोषित नहीं की गई है। प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन के माध्यम सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर भू-कानून में बदलाव को निरस्त करने, 2025 में होने वाले परिसीमन को क्षेत्रफल के आधार पर करने, 1994 के रामपुर तिराहा कांड के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता की नियुक्ति करने, राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने के लिए एक्ट बनाने, परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा को जारी रखने, सभी राज्य आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन देने और अन्य पेंशन मिलने पर भी राज्य आंदोलनकारी की पेंशन जारी रखने तथा प्रस्तावित पंचेश्वर बांध निर्माण को निरस्त करने की मांग की गई है। कहा है कि मांगों का समाधान न होने पर राज्य आंदोलनकारी आंदोलन के लिए विवश होंगे। प्रदर्शन में सुभाष जोशी, पुष्कर धामी, देवकीनंदन भट्ट, नरेंद्र गोबाड़ी, चंचल सिंह बोरा, बीडी कोहली, मोहन सिंह, राजेंद्र सिंह, कमान सिंह धामी, प्रेम सिंह, गुलाब सिंह धामी, गणेश उप्रेती, राधिका शर्मा, ममता, गोमती देवी, गंगा धामी और गणेश आदि शामिल थे।
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