देहरादून, 10 अप्रैल 2021- तीरथ कैबिनेट द्वारा पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार द्वारा गैरसैंण कमीश्नरी (gairsain commissionary) बनाने की घोषणा को स्थगित किए जाने के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा है कि गैरसैंण कमीश्नरी बनाने को लेकर विधायकों से राय ली गई थी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “नई सरकार ने जो फैसला लिया है उनके अपनी सोच है”। साथ ही कहा कि हमारे समय में सरकार द्वारा कमिश्नरी (gairsain commissionary) बनाने का निर्णय ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र के सुनियोजित विकास और भविष्य की सोच के साथ लिया गया था।
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उन्होंने कहा कि ” हम चाहते थे कि गैरसैंण कमिश्नरी (gairsain commissionary) कुमाऊं और गढ़वाल की मिली जुली संस्कृति नया प्रयाग बने”। डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर शनिवार को मीडिया कर्मियों के सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि निश्चित रूप से गैरसैंण को कमिश्नरी (gairsain commissionary) घोषित करने से पहले मैंने वहां के विधायकों की राय भी ली।
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मुझे इस तरह की आशंका थी कि इस तरह के सवाल भी उठेंगे। लेकिन गैरसैंण को कमिश्नरी के सवाल पर सभी ने कहा कि किसी को किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है।
बताते चलें कि उत्तराखंड में कैबिनेट द्वारा गैरसैंण कमिश्नरी (gairsain commissionary) के फैसले को वापस लेने के बाद सत्ता पक्ष हो या विपक्ष तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं एक ओर महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने इस फैसले का स्वागत किया है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का फैसला स्वागत योग्य है वह गैरसैंण कमीश्नरी को हटाने को लेकर अपनी भावनाओं से मुख्यमंत्री को बता चुके थे, गैरसैंण के पूर्ण विकास की योजना जल्द ही सीएम सभी को बताएंगे।
यह भी बताते चलें कि इधर इस मामले पर विपक्ष ने सरकार पर अंतर कलह का आरोप लगाया था। उसके बाद राजनीतिक गलियारों पर भी इसकी खूब चर्चाएं देखने को मिली।