तीज त्योहार : कुमाऊं में पारंपरिक तरीके से मनाया गया फूलदेई त्योहार

हिमानी गहतोड़ी। उत्तराखंड एवं समूचे कुमाऊं में फूलदेई त्योहार हर्षोल्लास और पारंपरिक तरीके से मनाया गया। सुबह सवेरे घर की दहलीज पर छोटे छोटे बच्चों…

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हिमानी गहतोड़ी। उत्तराखंड एवं समूचे कुमाऊं में फूलदेई त्योहार हर्षोल्लास और पारंपरिक तरीके से मनाया गया। सुबह सवेरे घर की दहलीज पर छोटे छोटे बच्चों ने प्योली, बुरांश, पुलम, मेल, खुबानी, सरसों आदि के फूलों को बिखेरते हुए पारंपरिक परंपरा का निर्वहन किया। घर के बुजुर्गो ने बच्चों को उपहार स्वरूप गुण और दान दक्षिणा प्रदान किया।

हमारे पारंपरिक तीज त्योहारों में फूलदेई का बड़ा महत्व है। शुक्रवार को सुबह घर की महिलाओं ने घरों की दहलीज को गोबर से लिपाई कर ऐंपण लगाकर तैयार किया। इसके बाद नन्हे मुन्ने बच्चों ने टोकरी भर फूल इकट्ठा कर घरों की दहलीज पर बिखेरते हुए फूलदेई छम्मादेई देई द्वार भर भकार गाते हुए पारंपरिक परंपरा का निर्वहन किया। हमारी संस्कृति में फूलदेई त्योहार का बड़ा महत्व है। इस दौरान प्रकृति के नये रंग का स्वागत किया जाता है। फूलदेई चैत्र संक्रांति को मनाए जाने वाला प्रमुख त्योहार है। फूल संस्कृति नाम से मनाए जाते रहे इस त्योहार का खासा महत्व है। इस दौरान वसंत ऋतु के आगमन पर घर मोहल्ले के बच्चे डलिया में प्रकृति में खिले फूल इकट्ठा कर फूलदेई छम्मादेई गाते हुए घर की दहलीज पर चढ़ाया। उपहार स्वरूप बच्चों को मिष्ठान और दान दक्षिणा भेंट की गई।